पटना, ०१ जुलाई [एजेंसी]। राज्य में पिछले डेढ़ साल में हर्ष फायरिंग में 17 लोगों की मौत हुई है, जबकि 199 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 में हर्ष फायरिंग के 99 कांड दर्ज किए गए जिसमें आठ की मौत जबकि 36 जख्मी हुए। इस दौरान 127 को गिरफ्तार किया गया जबकि 18 हथियार जब्त किए गए जिनमें आठ का लाइसेंस रद किया गया। इस साल मई तक हर्ष फायरिंग के 38 कांड दर्ज किए गए हैं, जिनमें नौ की मौत हुई है जबकि 13 घायल हुए हैं। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 72 को गिरफ्तार किया है। तीन हथियार जब्त किए गए हैं जबकि एक का लाइसेंस रद किया गया है।अब सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित होने वाले सामाजिक व सांस्कृतिक आयोजनों की लिखित जानकारी नजदीकी पुलिस थाने को देनी होगी। इसमें शादी-विवाह के साथ आर्केस्ट्रा आदि के कार्यक्रम भी शामिल हैं। यह भी बताना होगा कि आयोजन में भाग लेने वाले व्यक्तियों की अनुमानित संख्या कितनी होगी और उसमें कोई निजी शस्त्रधारक भी भाग लेंगे या नहीं। हर्ष फायरिंग की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय ने नई एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) जारी की है। सभी प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारियों, एसएसपी व एसपी को नई एसओपी के तहत आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। इसमें हर्ष फायरिंग होने पर आयोजक के साथ मैरेज हाल के प्रबंधन और पुलिस तीनों को जवाबदेह बनाया गया है। दोषी पाए जाने पर दो साल की सजा और एक लाख के जुर्माने का प्रविधान है। पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में अपर पुलिस महानिदेशक (विधि-व्यवस्था) संजय सिंह ने बताया कि नई एसओपी शहरी व ग्रामीण सभी इलाकों में प्रभावी होगी। शहरी इलाकों में थाने और ग्रामीण इलाकों में चौकीदार के माध्यम से जानकारी थाने को जानकारी देनी होगी। इसके लिए विशेष घोषणा-पत्र बनाया गया है, जिसे भरना होगा।हर्ष फायरिंग को लेकर जारी घोषणापत्र में कार्यक्रम की तिथि एवं समय, आयोजन का प्रकार, आयोजन स्थल का नाम, आयोजक का पूरा नाम, पता एवं मोबाइल नंबर, अतिथियों की संख्या व शस्त्रधारकों के भाग लेने की संभावना आदि से जुड़ी जानकारी देनी है। घोषणा पत्र में उल्लेख होगा कि हर्ष फायरिंग करना शस्त्र अधिनियम के अंतर्गत अवैध और दंडनीय है। हर्ष फायरिंग में कोई व्यक्ति घायल हो अथवा नहीं, शस्त्र अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। आयोजक यह घोषणा करेगा कि मुझे हर्ष फायरिंग के प्रविधानों की जानकारी है और मैं इसका अनुपालन करूंगा। अगर कार्यक्रम में किसी प्रकार से शस्त्र का दुरुपयोग होता है तो इसकी सूचना थाने को दूंगा। पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसएसपी व एसपी को थाना स्तर पर शस्त्र लाइसेंस पाने वालों का सत्यापन कराने को कहा है। इसके लिए एक माह की समयसीमा तय की गई है। यदि प्रतिधारक (रिटेनर) की अनुमति ली गई है, तो प्रतिधारक का सत्यापन करने को भी कहा गया है। हर साल सत्यापन की प्रक्रिया नियमित रूप से करने का निर्देश दिया गया है। सभी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विवाह समारोह स्थल, मैरेज हॉल, होटल, धर्मशाला, सामुदायिक भवन की सूची बनाने का निर्देश दिया गया है। इसके बाद मालिक व मैनेजर आदि से बात कर था समारोह स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा जाएगा, इसके बाद ही कार्यक्रम की अनुमति दी जाएगी। कैमरे उन जगहों पर लगाए जाएंगे जहां से कार्यक्रम की सभी मुख्य गतिविधियां स्पष्ट रिकार्ड की जा सके।हर्ष फायरिंग की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष को स्वयं घटनास्थल पर जाकर जांच करने को कहा गया है। अगर कोई वादी नहीं है, तो पुलिस अपने बयान पर प्राथमिकी दर्ज कराएगी। इसमें आयोजक की भूमिका की भी जांच की जाएगी। सभी डीएसपी को इससे जुड़े कांडों का पर्यवेक्षण एक सप्ताह के अंदर करने को कहा गया है। हर्ष फायरिंग में शामिल शस्त्र का लाइसेंस निलंबित व रद करने की अनुशंसा भी की जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि थाना स्तर पर एसओपी में तय कार्रवाई की गई थी या नहीं। प्रशासनिक विफलता पर दोषी पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी।