पेरिस, ०२ जुलाई [एजेंसी]। फ्रांस में सरकार के सुरक्षा इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं और पांचवें दिन भी दंगा बेकाबू है। मंगलवार (27 जून) को नाइजीरियाई मूल के 17 वर्षीय लड़के के पुलिस फायरिंग में मारे जाने के बाद भड़की हिंसा में अभी तक करीब तीन हजार कारें-वाहन तोड़े-जलाए जा चुके हैं। ढाई हजार से ज्यादा दुकानें जलाई या लूटी जा चुकी हैं और सैकड़ों पुलिस थानों-सरकारी भवनों पर हमले हुए हैं।राजधानी पेरिस सहित देश के सभी प्रमुख शहर हिंसा की आग में जल रहे हैं। इस हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी और अग्निशमन विभाग के कर्मचारी घायल हो चुके हैं। फ्रेंच गुयाना में 54 वर्षीय आदमी के गोली से मारे जाने की सूचना है। पुलिस ने अभी तक 2,400 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। बेकाबू हालात के बीच राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रविवार से शुरू होने वाली जर्मनी की राजकीय यात्रा स्थिगित कर दी है। शनिवार को पुलिस की गोली से मारे गए नाहेल का अंतिम संस्कार कर दिया गया। उसकी मां मौनिया ने कहा कि गोली मारने वाले पुलिसकर्मी के प्रति उनके मन में गुस्सा है, लेकिन बाकी लोगों से उसे कोई शिकायत नहीं है। फ्रांस के फुटबाल स्टार किलियान एम्बापे सहित कई शख्सियतों ने शांति की अपील की है, लेकिन उसका खास असर होता दिखाई नहीं दे रहा है। शुक्रवार-शनिवार की रात ही उपद्रवियों के हमलों में 79 पुलिसकर्मी और अग्निशमन विभाग के कर्मचारी घायल हुए हैं। उपद्रवियों में बड़ी संख्या में कम उम्र के किशोर भी शामिल हैं। पुलिस ने पथराव और आगजनी में शामिल 13 वर्षीय एक किशोर को गिरफ्तार भी किया है। राष्ट्रपति मैक्रों ने बेकाबू हालात के लिए इंटरनेट मीडिया को काफी हद तक जिम्मेदार ठहराया है। इस बीच, सरकार ने देश में रात में चलने वाली सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी है। अब सार्वजनिक यातायात के साथ ही सभी तरह की दुकानें और सेवाएं बंद रहेंगी। सरकारी और निजी संपत्तियों पर उपद्रवियों के हमले रोकने के लिए सरकार ने सुरक्षाकर्मियों की तैनाती बढ़ाकर 45 हजार कर दी है। कई स्थानों पर बख्तरबंद वाहनों की तैनाती की गई है। फ्रांस के दंगे की आग पड़ोसी देश बेल्जियम तक पहुंच गई है। वहां पर कई हिंसक घटनाओं में पुलिस ने करीब 100 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहां पर सरकार ने सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी है। ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को अभी फ्रांस न जाने के लिए कहा है।