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नईदिल्ली। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में वर्षा और भूस्खलन से परेशानी अब भी बनी हुई है। हिमाचल में कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी में बादल फटने से सोमवार रात को तोष नाला में बाढ़ आ गई। इससे तोष गांव को जोड़ने वाला पुल बह गया और गांव से संपर्क कट गया है। दो दुकानें भी बह गई और होम स्टे व रेस्तरां को भी नुकसान पहुंचा है। मंगलवार को प्रशासन ने वैकल्पिक पुल बनाकर गांव में फंसे 200 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला। वहीं, उत्तराखंड में वर्षा के कारण बदरीनाथ हाईवे 12 घंटे बाधित रहा। इससे करीब दो हजार से अधिक यात्री रास्ते में फंसे रहे। मौसम विभाग ने 31 जुलाई को प्रदेश के तीन जिलों कांगड़ा, ऊना व सिरमौर में जबकि उसके बाद आगामी दो दिनों के लिए ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने का आरेंज अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में जोरदार वर्षा का क्रम जारी है। इससे चारधाम यात्रा मार्ग लगातार बाधित हो रहे हैं। सोमवार रात से हो रही वर्षा से चमोली के गुलाबकोटी में मलबा आने से बद्रीनाथ हाईवे 12 घंटे बाधित रहा। इस दौरान करीब दो हजार से अधिक यात्री रास्ते में फंसे रहे। सुबह चार बजे बदरीनाथ हाईवे पर लंगासू और गुलाबकोटी में मलबा आ गया। लंगासू में साढ़े नौ बजे मलबा हटाकर मार्ग सुचारू कर दिया गया, लेकिन गुलाबकोटी में वाहनों की आवाजाही सुचारू करने में सीमा सड़क संगठन को 12 घंटे लग गए।