प्रयागराज, २२ सितम्बर । भारत में ब्रिटिश राज के दौरान बनाए गए गजेटियर की मान्यता अब खत्म हो जाएगी। सरकार ने आजादी के अमृत काल में हर जिले में अपना नया गजेटियर बनवाने का निर्णय लिया है। प्रकाशन के लिए सभी जिलाधिकारियों को शासन ने निर्देश दिए हैं। प्रयागराज में इसके लिए डीएम की अध्यक्षता में 15 विभागों के उच्चाधिकारियों की कमेटी भी गठित हो गई है।यह कमेटी इतिहास-भूगोल, कला-साहित्य व संस्कृति, धर्म और अपराध, न्याय और प्रशासन, खेती, अर्थ व्यवस्था, मौसम, प्राकृतिक संसाधन, उद्योग, पर्यटन, बैंकिंग सहित तमाम महत्वपूर्ण पहलुओं का अध्ययन कर जिला स्तर पर गजेटियर तैयार कराएगी। इसके लिए सभी विभाग दो सप्ताह में प्रामाणिक विवरण उपलब्ध कराएंगे। गजेटियर प्रकाशन का एक बड़ा उद्देश्य सरकार की योजनाओं को रिकार्ड में सहेजना है। नया गजेटियर वृहद सूचना बैंक के साथ संपूर्ण मार्गदर्शिका होगी। इसका नाम भी बदलने पर विचार किया जा रहा है। अंग्रेज अफसरों ने अपनी सुविधा के लिए भारतीय समाज का स्थानीय स्तर पर अध्ययन किया था। जिलों का गजेटियर तैयार कराते हुए उसमें सभी तरह की जानकारी रखी गई थी। ब्रितानी हुकूमत के बाद इस गजेटियर को बदलने के लिए कोई प्रयास नहीं हुए, जबकि उस समय से अब तक तमाम बदलाव आए। कई नए जिले बदले गए तो प्रदेश भी अलग हो गए। पुराने गजेटियर में जिले के विस्तार और नए विकास का उल्लेख नहीं है। कई ऐसे जंगल, जलाशय आदि पुराने गजेटियर में हैं जो अब नहीं हैं। नए गजेटियर में कई बदलाव दिखाई देंगें। जो जानकारी अनुपयोगी होगी, उसे हटाया जाएगा। इसमें जिले की भौगोलिक स्थिति, प्राकृतिक सीमाएं, क्षेत्रफल, जनसंख्या का वर्णन होगा। हाल के दिनों में बनी नगर पंचायत, विकास खंड, मेडिकल कालेज, नवोदय, पालीटेक्निक, केंद्रीय विद्यालय, पार्क, राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य मार्गों को शामिल किया जाएगा। शिक्षण संस्थान व राजस्व विभाग के आंकड़े भी शामिल होंगे। किन फसलों का रकबा घटा और बढ़ा, नए सिरे से अंकित किया जाएगा। बैंकों की संख्या से लेकर परिवर्तित विधानसभा क्षेत्र और लोकसभा क्षेत्र को भी शामिल किया जाएगा। तैयार होने के बाद इसे संस्कृति मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। पुराने गजेटियर से बने नक्शे में भी बदलाव किया जाएगा। ये नक्शा कलेक्ट्रेट समेत विभिन्न कार्यालयों में रहेगा। नए नक्शे में विस्तारीकरण, नए संस्थानों को शामिल किया जाएगा, जिससे लोगों को मानचित्र के सहारे जिले के बारे में आसानी से जानकारी मिल सके। इसमें नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे, स्थानीय मार्ग, नए थाने, तहसील, नए शैक्षणिक संस्थान, फ्लाईओवर-ओवर ब्रिज व पर्यटन स्थलों को दर्शाया जाएगा।गजेटियर जिले और राज्यों के बारे में सरकारी दस्तावेज है, जो कि सबसे प्रामाणिक माना जाता है। इसमें न सिर्फ जिलों का इतिहास होता है बल्कि प्रत्येक जानकारी होती है। प्रयागराज का गजेटियर राजकीय पुस्तकालय में संरक्षित है।