कोरबा। शासकीय ग्राम्य भारती महाविद्यालय हरदी बाजार के हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ आई के कौशिक के 41 वर्ष की सुदीर्घ सेवा के पश्चात सेवानिवृत्त होने के अवसर पर उनके सम्मान में विदाई समारोह का आयोजन किया गया, सन 1983 में ग्राम्य भारती विद्यापीठ की स्थापना के समय से डॉक्टर आई के कौशिक आज पर्यंत तक यहां अपनी सेवाएं दे रहे थे। ग्राम्य विद्यापीठ में दूसरे प्राध्यापक थे।
अपने उद्बोधन में उन्होंने निजी महाविद्यालय से शासकीय महाविद्यालय तक की रोचक और संघर्षपूर्ण यात्रा का वृत्तांत सुनाया। एक शिक्षक का दायित्व केवल संस्थान तक न होकर पूरा समाज होता है। सेवानिवृत्ति के पश्चात् भी उसका पद समाज में बना रहता है क्योंकि वह अपने अंतिम समय तक अपने दायित्व का निर्वहन करता है। इसलिए शिक्षक केवल संस्थान से मुक्त होता है ,अपने दायित्वों से वह सदैव बंधा रहता है।इसी क्रम में उन्होंने अपने समस्त पुराने और दिवंगत साथियों को याद किया। महाविद्यालय के समस्त अध्यापक एवं कर्मचारियों ने उन्हें गुलाल एवं माल्यार्पण से उनका स्वागत किया। महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य अखिलेश पांडे जी तथा डॉ अनिल पांडेय जी ने उन्हें सम्मान पत्र प्रदान किया। डॉ एम के वर्मा, डॉक्टर एस के मूर्ति ने शाल और श्रीफल देकर उनके स्वस्थ दीर्घायु जीवन की शुभकामनाएं दी,इसी तरह पन्नालाल सोन, मदन लाल गुरुद्वान, उत्तम दास महंत , बलदेव अहीर , प्रदीप पांडे ने महाविद्यालय की ओर से उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान कर उन्हें मंगलमय जीवन की शुभकामनाएं दी। हिंदी साहित्य परिषद के अध्यक्ष शिवम कुमार व कु नेहा साहू ने श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर उनका सम्मान किया। हिंदी विभाग के भूतपूर्व छात्र मनमोहन राठौर, रश्मि,माधुरी ने उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका आशीर्वाद लिया।
प्रभारी प्राचार्य अखिलेश पांडे ने अपने उद्बोधन में डॉक्टर आई के कौशिक जी का उनके सुधार की सेवा के लिए उनका आभार व्यक्त करते हुए उनके मंगलमय जीवन की शुभकामनाएं प्रेषित की। कार्यक्रम का संचालन हिंदी के सहायक प्राध्यापक शिव कुमार दुबे ने किया विदाई सम्मान समारोह में शिक्षक गढ़ सहित छात्र, छात्राएं एवं स्टाफ उपस्थित रहे ।