नईदिल्ली, 0८ नवंबर ।
हुरून इंडिया ने पिछले वर्ष देश में परोपकारी कार्यों के लिए दान देने वालों की ताजा सूची जारी की है। इस सूची में देश के कुल 1,539 अमीरों को शामिल किया गया है, जिनमें प्रत्येक की व्यक्तिगत संपत्ति एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है। आइए जानते हैं कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान परोपकारी कार्यों के लिए दान देने में कौन-किस स्थान पर रहा है। शिव नाडर: परोपकारी कार्यों के लिए दान देने के मामले एचसीएल टेक्नोलाजीज के संस्थापक शिव नाडर पहले स्थान पर रहे है। पिछले वर्ष नाडर ने 2,153 करोड़ रुपये की राशि दी है और इसमें 2022-23 के मुकाबले पांच प्रतिशत की वृद्धि रही है। नाडर इस सूची में लगातार तीसरे वर्ष शीर्ष पर रहे हैं। देश के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी ने पिछले वर्ष 407 करोड़ रुपये परोपकारी कार्यों के लिए दिए हैं और ताजा सूची में वे दूसरे स्थान पर रहे हैं। बीते वर्ष अंबानी की रैंक में एक अंक का सुधार हुआ है।बजाज परिवार: आटो और वित्तीय क्षेत्र का कारोबार करने वाले बजाज परिवार ने पिछले वर्ष 352 करोड़ रुपये का दान दिया है और इस सूची में तीसरे स्थान पर रहा है। 2022-23 के मुकाबले पिछले वर्ष बजाज परिवार ने 33 प्रतिशत ज्यादा राशि दी है। कुमारमंगलम बिड़ला और परिवार: परोपकारी कार्यों के लिए 334 करोड़ रुपये की राशि देने वाले कुमारमंगलम बिड़ला और उनका परिवार इस बार सूची में चौथे स्थान पर रहा है। बीते वर्ष कुमारमंगलम बिड़ला और उनके परिवार ने 17 प्रतिशत ज्यादा राशि दी है। देश के सबसे अमीर कारोबारी गौतम अदाणी ने पिछले वर्ष 330 करोड़ रुपये की राशि परोपकारी कार्यों के लिए दी है। वे इस सूची में पांचवें स्थान पर बरकरार रहे हैं।154 करोड़ रुपये के साथ रोहिणी नीलेकणी परोपकारी कार्यों के लिए पैसे देने में महिलाओं में शीर्ष पर रही हैं। रोहिणी एक लेखिका हैं और इन्फोसिस के संस्थापक नंदन नीलेकणी की पत्नी हैं। 43 करोड़ रुपये रह गई है 203 दानदाताओं की औसत दान राशि पिछले वित्त वर्ष के दौरान। 2022-23 के दौरान 119 दानदाताओं ने औसतन 71 करोड़ रुपये दिए थे।
900 करोड़ रुपये के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज परोपकारी कार्यों के लिए पैसा देने के मामले में शीर्ष कंपनी रही है।कंपनी ने 840 करोड़ रुपये की राशि कॉरपोरेट सामाजिक दायित्वों (सीएसआर) पर खर्च करने की बात कही थी।3,680 करोड़ रुपये की सबसे ज्यादा दान राशि शिक्षा क्षेत्र को मिली है पिछले वित्त वर्ष के दौरान। 626 करोड़ रुपये के साथ हेल्थकेयर दूसरे और 331 करोड़ रुपये के साथ ग्रामीण परिवर्तन तीसरे स्थान पर रहा है।