कोरबा। वैशाख शुक्ल अक्षय तृतिया को छत्तीसगढ़ अक्ती के नाम से मनाने की परंपरा है, जो नगर और जिले में निभाई गई। गुड्डे-गुडिय़ों का विवाह कुछ सामाजिक संगठनों की ओर से कराया गया। इसी दिन बिना मुहूर्त के होने वाले ऐसे विवाहों की आड़ में बाल विवाह जैसी घटनाओं को लेकर आईसीडीएस और प्रशासन का अमला सतर्क रहा। अक्षय तृतिया पर मिट्टी के मटकों की पूजा कर उनका उपयोग करने समेत दान-पुण्य की परंपरा को लेकर भी लोगों ने ध्यान दिया। कोरबा और उपनगरीय क्षेत्रों के बाजार में आज का दिन कुम्हारों के लिए खास रहा जिनके चेहरे खिले दिखे।