
उज्जैन। एक दिन पहले रविवार को शिप्रा नदी में अचानक बढ़े जल स्तर की पूर्व सूचना जारी न करने पर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कंट्रोल रूम प्रभारी को कारण बताओ सूचना पत्र थमाया। बताया जाता है कि केवल वॉट्सएप ग्रुप पर मैसेज डालकर ही देवास डेम के गेट खोल दिए गए थे। इस कारण शिप्रा नदी में अचानक बाढ़ आ गई थी। देवास में जोरदार बारिश के कारण ऐसे हालात बने थे। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बाढ़ प्रबंधन से जुड़े राजस्व, नगर निगम, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और होमगार्ड के अफसरों को हिदायत देते हुए कहा कि ये सुनिश्चित करें कि अचानक जल स्तर बढऩे जैसी स्थिति दोबारा निर्मित न हों। उन्होंंने कहा कि बाढ़ आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारी कंट्रोल रूम से शिप्रा नदी के प्रमुख स्थानों पर जल स्तर की निगरानी रखें। कंट्रोल रूम का बेहतर संचालन करें। वे प्रशासनिक संकुल भवन में विभिन्न विभागों की बैठक ले रहे थे। कलेक्टर ने पौधारोपण के निर्धारित लक्ष्य को पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। कहा कि पौधारोपण की फोटो वायुदूत अंकुर एप पर अनिवार्य रूप से अपलोड कराएं। पौधरोपण के लिए चिह्नित 4672 स्थलों में 10-10 स्थल सभी जिला अधिकारी पौधारोपण के लिए बांट लें। पौधरोपण से लेकर उनकी देखरेदख की संपूर्ण जिम्मेदारी प्रभारी अधिकारियों की होगी। शिप्रा नदी में अचानक बढ़े जल स्तर की पूर्व सूचना जारी न करने पर शिप्रा नदी में उफान आया और भगदड़ मची। नदी किनारे बने मंदिर डूब गए थे और पार्क की चार कार पानी में बह गई, जिन्हें काफी मशक्कत कर लोगों ने बाहर निकाला। उफनी शिप्रा नदी सोमवार सुबह शांत हुई। पानी छोटे पुल पर से नीचे आया तो घाट पर चहुंओर कीचड़ फैला नजर आने लगा। नगर निगम ने फायर ब्रिगेड की गाड़ी के जरिये घाट की सफाई कराई।