कोरबा। विद्यार्थियों को नजदीकी क्षेत्र में ही अकादमिक शिक्षा का लाभ दिया जाना संभव हो और परेशानियों से बचाया जाये, इस सोच के साथ सरकारें अलग-अलग श्रेणी का उन्नयन कर रही है। दूसरी ओर सुविधाओं में बढ़ोत्तरी करने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके कारण समस्याएं बनी हुई है। विकासखंड कोरबा के जिल्गा बरपाली स्थित क्रमोन्नत हायर सेकेण्डरी स्कूल का यही हाल है। यहां पर अतिरिक्त कक्ष संबंधी पठन-पाठन की व्यवस्था कुल मिलाकर परेशानी का कारण बनी हुई है।
डेढ़ दशक से ज्यादा समय तक यहां पर सरकार के द्वारा शासकीय हाई स्कूल का संचालन किया गया। इस दौर में 10 के बाद विद्यार्थियों को हायर सेकेण्डरी की पढ़ाई के लिए दूर-दराज के स्कूल का सहारा लेना पड़ा। ऐसे में उनके सामने कई प्रकार की चुनौतियां आई। इस स्थिति में अनेक छात्राओं को 10वीं के बाद की पढ़ाई छोडऩे के लिए मजबूर होना पड़ा। लगातार ऐसे मामले प्रकाश में आने पर जन प्रतिनिधियों ने पहल की। जिसके बाद सरकारी तंत्र ने प्रस्ताव भेजने के बाद यहां के हाई स्कूल को उन्नयन करते हुए हायर सेकेण्डरी में परिवर्तित किया। वर्तमान में जिल्गा बरपाली में हायर सेकेण्डरी की कक्षाएं संचालित की जा रही है, लेकिन कई प्रकार की असुविधाओं के बीच। समस्या यह है कि कक्षाओं की संख्या बढ़ाने के साथ स्वाभाविक रूप से विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। इसके विरूद्ध बैठक व्यवस्था का विस्तार नहीं किया गया है। ऐसे में पहले से बने हुए अतिरिक्त कक्ष का उपयोग हायर सेकेण्डरी की कक्षाओं के लिए किया जा रहा है। छात्र संख्या ज्यादा होने से माध्यमिक से लेकर हायर सेकेण्डरी विद्यालय एक ही भवन में चल रहा है। इन सब कारणों से काफी परेशानिया पेश आ रही है। बताया गया कि पहले से ही एक अतिरिक्त कक्ष का छज्जा गिरा हुआ है, जिसके चलते वह उपयोग से बाहर है। ऐसे में एक अतिरिक्त कक्ष और दूसरे विकल्पों के भरोसे स्कूल का संचालन किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि शिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थी भी काफी दिक्कत महसूश कर रहे है। बारीश के दौर में यहां की समस्याएं कुछ ज्यादा हो गईं है। लगातार मांग की जा रही है कि हायर सेकेण्डरी विद्यालय बनने के साथ पृथक से सर्वसुविधायुक्त भवन का निर्माण बरपाली में कराया जाये। ऐसे होने पर भविष्य में ज्यादा संकायं खोले जा सकेंगे और अधिकतम छात्रों को सुविधा दी जा सकेगी।
बनी हुई है शिक्षकों की कमी
हाल में ही विद्यालय प्रबंधन समिति के द्वारा ली गई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। मौजूदा स्थिति पर विचार मंथन किया गया। इसमें यह बात सामने आई की हायर सेकेण्डरी में राजनीति , अर्थशास्त्र और हिंदी के विषय विशेषज्ञ की कमी है। जबकि माध्यमिक विद्यालय में गणित और विज्ञान के शिक्षक नहीं है।