श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में सभी राजनीतिक दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बने अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में 25 मई को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान होगा। चुनाव प्रचार गुरुवार 23 मई की शाम को समाप्त हो जाएगा। प्रदेश के दोनों प्रांतों जम्मू और कश्मीर में, पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला के दोनों तरफ फैले संसदीय क्षेत्र में 20 उम्मीदवार अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे हैं, लेकिन मुकाबला त्रिकोणीय है जो पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, नेकां के मियां अल्ताफ अहमद लारवी और जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के जफर इकबाल तक ही सीमित है। जम्मू-कश्मीर में यह अंतिम संसदीय क्षेत्र है यहां चुनाव होना है। अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में पहले सात मई को मतदान होना था,लेकिन विभिन्न दलों ने मौसम का हवाला दिया था। इसलिए मतदान तिथि को आगे बढ़ा दिया जाए ताकि वह सही तरीके से चुनाव प्रचार कर मतदाताओं तक अपनी पहुंच को सुनिश्चित बना सकें। सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआइएसएफ, एसएसबी के जवानों को सुरक्षा बंदोबस्त मे लगाया है। पुलिस, सेना और सीआरपीएफ सभी संवेदनशील इलाकों में लगातार सघन तलाशी अभियान चला रही है। वर्ष 2022 में हुए परिसीमन के बाद ही अस्तित्व में आए अनंतनाग-राजौरी संसदीय क्षेत्र में शामिल 18 विधानसभा क्षेत्रों में से सात जिला राजौरी व पुंछ में हैं। 11 विधानसभा क्षेत्र जिला अनंतनाग, जिला कुलगाम औार जिला शोपियां में हैं। प्रदेश में अब सिर्फ यही एक क्षेत्र है जहां मतदान होना और बारामुला सीट के लिए मतदान की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद सभी राजनीतिक दल इसी क्षेत्र में चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। डा.फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला समेत नेकां के सभी प्रमुख नेता अपने उम्मीदवार मियां अल्ताफ के पक्ष में लगातार चुनावी सभाएं कर रहे हैं।