रायपुर। शराब घाेटाले मामले में ACB/EOW ने आज अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को कोर्ट में पेश किया, जहां दोनों को 12 अप्रैल तक ACB/EOW की रिमांड पर भेजा गया. बता दें कि अनवर ढेबर और अरविंद सिंह की रिमांड खत्म होने के बाद आज दोनों को निधि शर्मा तिवारी की कोर्ट में पेश किया गया था, जहां शराब घोटाले मामले में कोर्ट ने कारोबारी अनवर ढेबर और अरविंद सिंह की रिमांड मंजूर की है।
छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाले मामले में EOW ने कारोबारी अनवर ढेबर और अरविंद सिंह को सोमवार को कोर्ट में पेश किया। दोनों की रिमांड अवधि पूरी होने पर उन्हें कोर्ट लाया गया है। इस दौरान EOW की ओर से दोनों की रिमांड बढ़ाने को लेकर पक्ष रखा जाएगा। जानकारी के मुताबिक, 3 दिनों की पूछताछ ने EOW को कोई जानकारी नहीं मिली है।
ढेबर और अरविंद से पूछताछ में EOW के अधिकारियों का पसीना छूट रहा है। दोनों आरोपी सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं। उनका एक ही जवाब होता है कि उन्हें जानकारी नहीं है या वे ED को पहले ही सब कुछ बता चुके हैं। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारियों ने अरविंद सिंह और ढेबर को आमने-सामने बिठाकर भी पूछताछ की है, लेकिन कोई नई जानकारी हाथ नहीं लगी। 3 दिन की रिमांड खत्म होने के बाद आज दोनों को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया जा रहा है।
दो हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाले में जमानत पर चल रहे होटल कारोबारी अनवर ढेबर को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने हिरासत में ले लिया है। आठ महीने पहले ही अनवर को जमानत मिली थी। वहीं इसी मामले के दूसरे आरोपित ट्रांसपोर्टर अरविंद सिंह के जमानत पर जेल से छूटते ही एसीबी ने गुरुवार को उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे जज निधि शर्मा तिवारी की कोर्ट में पेश किया।

ये था पूरा मामला
एसीबी ने आवेदन पेशकर पूछताछ के लिए दस अप्रैल तक रिमांड मांगी। एसीबी-ईओडब्ल्यू की विशेष कोर्ट ने चार दिन यानी आठ अप्रैल तक रिमांड मंजूर कर उसे एसीबी को सौंप दिया। मंगलवार को हाई कोर्ट ने अरविंद को जमानत दी थी। करीब 10 महीने पहले उसे ईडी ने दुर्ग से गिरफ्तार किया था। एसीबी की ओर से जानकारी दी गई कि आबकारी घोटाले में ब्यूरो में दर्ज 7,12 भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 420, 467, 468, 471, 120 बी केस की विवेचना के लिए अवंती विहार निवासी भिलाई स्टील प्लांट में यार्ड मास्टर के पद पर कार्यरत रहे अरविंद को गिरफ्तार कर पूछताछ करने कोर्ट से चार दिन की रिमांड पर लिया गया है।
इधर, गिरफ्तार अनवर ढेबर के स्वजन शाम उससे मिलने एसीबी कार्यालय पहुंचे। मास्टर माइंड ये तीन: ईओडब्ल्यू में दर्ज एफआइआर में आइएएस अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी और अनवर ढेबर को घोटाले का मास्टर माइंड बताया गया है। एफआइआर में शामिल आइएएस और अन्य अफसर तथा कुछ और लोग सहयोगी की भूमिका में थे। घोटाले से होने वाली आमदनी का बड़ा हिस्सा इन्हीं तीनों को जाता था। जब यह घोटाला हुआ, तब टुटेजा वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के संयुक्त सचिव थे।