
चंडीगढ़, १४ नवंबर ।
हरियाणा के बिजली, परिवहन और श्रम मंत्री अनिल विज द्वारा चुनाव के दौरान प्रशासन पर लगाए गए हत्या की साजिश रचने के आरोपों की गूंज विधानसभा में सुनाई दी।इस मामले को लेकर कांग्रेस बुधवार को सरकार पर हमलावर दिखी। थानेसर के कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा ने अनिल विज के आरोपों पर सरकार को घेरते हुए कहा कि उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया था, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं आया है। मुख्यमंत्री नायब सैनी को इस पूरे मामले में जवाब देना चाहिए।मामले की जांच के लिए कमेटी बनाने की मांग करते हुए अशोक अरोड़ा ने कहा कि सात बार के विधायक और कद्दावर मंत्री की जान के खतरे की बात को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उनका समर्थन करते हुए बेरी के विधायक डॉ. रघुवीर कादियान ने कहा कि यह आम आदमी की सुरक्षा का मामला नहीं है। कैबिनेट मंत्री की सुरक्षा का मामला है। उन्हें गब्बर कहा जाता है। इस पर चुटकी लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सीएम को सुझाव दिया कि विज को गृह मंत्री बना दो। वह अपने आप जांच करा लेंगे। इस पर मुख्यमंत्री मुस्कुरा उठे।विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए पहुंचे अनिल विज का अंबाला के गरनाला और शाहपुर में कुछ लोगों ने उग्र विरोध किया था। इस दौरान उनकी सुरक्षा भी कम कर दी गई थी। विज ने पिछले दिनों अंबाला के उपायुक्त पार्थ गुप्ता को खरी-खरी सुनाते हुए आरोप लगाया था कि प्रशासन उन्हें मरवाना चाहता था। उन्होंने खुद डीसी और एसडीएम को मैसेज कर जानकारी दी थी कि वे जनसभा करने जा रहे हैं। इसके बावजूद दोनों जगह विरोध हुआ। गरनाला और शाहपुर में विज के समर्थक और दूसरी पार्टी के समर्थक आमने-सामने हो गए थे।
अनिल विज ने डीसी से पूछा था कि इस मामले में क्या कार्रवाई की गई है, क्या मामला दर्ज हुआ, किसकी गिरफ्तारी हुई, कौन लोग थे और क्यों विरोध कर रहे थे। मंत्री ने यहां तक कह दिया था कि मुझे मरवाने की साजिश थी ताकि छावनी में छह बार चुनाव जीतने के बाद सातवीं बार वे हार जाएं।यदि वह संयम न रखते और समर्थक भडक़ जाते तो दंगा हो जाता, जिसमें किसी की भी जान जा सकती थी। विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की ओर से जब अनिल विज की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा उठाया जा रहा था, तब वे पूरे समय शांत बैठे सुनते रहे।कांग्रेस विधायक जब अनिल विज की सुरक्षा के मामले में सीएम पर जवाब देने या फिर जांच कमेटी बनाने के लिए दबाव बनाने लगे तो विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने बात संभाली।उन्होंने कहा कि बयान तो आते रहते हैं। इसे मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। साथ ही अशोक अरोड़ा को घड़ी दिखाते हुए कहा कि आप अपनी बात जल्दी खत्म कर लें, अन्यथा उनका समय उनकी पार्टी के ही दूसरे विधायकों से काटा जाएगा। इसके बाद बात दूसरी तरफ घूम गई।