जांजगीर। सरकारी स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं की आम चुनाव में अहम भूमिका अहम होती है। नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत की अधिसूचना जारी होने और आदर्श आचार संहित लागू होने के बाद अधिकारी-कर्मचारी चुनाव की तैयारियों में व्यस्त हैं। इधर चुनाव में के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाने का आदेश जारी हो चुका है। साथ ही उन्हें अवकाश लेकर बाहर जाने की अनुमति नहीं देने पहले ही विभाग प्रमुखों को कह दिया है। इसके कारण कमजोर विद्यार्थियों के लिए एक्सट्रा क्लास प्रभावित होगी।छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 12वीं की 1 मार्च से और 10वीं की 3 मार्च से शुरू होगी। हालांकि बोर्ड परीक्षा के बेहतर परिणाम के लिए 20 जनवरी से प्री बोर्ड परीक्षा आयोजित की जा रही है, ताकि विद्यार्थियों के मन से बोर्ड परीक्षा का भय खत्म कर सके। जनवरी का महीना प्री-बोर्ड में गुजर जाएगा और फरवरी का पूरा महीना चुनावी कार्यक्रम में बीतने वाला है। हालांकि प्री-बोर्ड के छात्रों को अपने-अपने आंसरशीट तो इस माह ही मिल जाएंगे और आंसरशीट के आधार पर विद्यार्थी अपनी परीक्षा की तैयारियों स्व आकलन भी कर सकेंगे, लेकिन अपनी कमजोरियों को उन्हें स्वयं दूर करना होगा, क्योंकि बड़ी संख्या में शिक्षकों की ड्यूटी चुनावी कार्य में लगाई जाएगी। इससे वे अपने छात्रों की कमजोरियों को दूर करने के लिए अतिरिक्त क्लास नहीं ले पाएंगे। इस स्थिति में प्री-बोर्ड में कम अंक पाने वाले छात्र-छात्राओं को बोर्ड परीक्षा के लिए स्वयं तैयारी करनी पड़ेगी। उन्हें अपनी शंकाओं के समाधान के लिए स्वयं ही विकल्प तलाशने होंगे। मूल्यांकन के दौरान छात्रों को नहीं मिलेगी कोई भी राहत माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा यह पहले ही तय कर लिया है कि परीक्षा के बाद मूल्यांकनकर्ता द्वारा किसी भी छात्र को उपकृत करने के लिए माक्र्स नहीं दिए जाएंगे। जिस छात्र ने जो आंसर लिखे हैं उसी के अनुसार उसे अंक दिए जाएंगे। ऐसे में छात्रों को किसी भी तरह की राहत मिलने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। क्योंकि अभी अगर उन्हें राहत दे दी जाती है तो उसका असर बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट में देखने को मिलेगा। इससे जिला का रिजल्ट भी खराब होगा जो विभाग नहीं चाहेगा।