श्रीनगर। लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पिता उमर अब्दुल्ला के साथ चुनाव प्रचार तक सीमित रहे जमीर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर की राजनीति में सक्रिय होने के लिए तैयार हैं। परिस्थितियों के अनुकूल रहने पर वह बडगाम विधानसभा सीट के उपचुनाच में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उम्मीदवार के रूप में भाग्य आजमा सकते हैं।वर्ष 2024 में विधानसभा चुनाव में उमर ने नेकां के उम्मीदवार के रूप में बडगाम व गांदरबल से चुनाव लड़ा और दोनों सीटों पर जीते। बाद में उन्होंने बडगाम सीट से त्यागपत्र दे दिया। अब बडगाम सीट खाली है।इसके अलावा जम्मू में भाजपा नेता देवेंद्र सिंह राणा के निधन से नगरोटा सीट भी खाली पड़ी है। अनुमान है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के साथ जम्मू कश्मीर में खाली दो सीट बडगाम और नगरोटा पर उपचुनाव कराए जा सकते हैं। यह चुनाव फरवरी-मार्च में हो सकते हैं।नेकां ने वर्ष 1977 से बडगाम से सभी आठ विधानसभा चुनाव जीते हैं। सूत्रों के अनुसार, बडगाम सीट पर उमर के बड़े पुत्र जमीर और मुख्यमंत्री उमर के सलाहकार नासिर असलम वानी के अलावा आगा सैयद महमूद के नाम को लेकर चर्चा जारी है।नासिर वर्ष 2008 में अमीराकदल सीट से चुनाव जीते थे। तत्कालीन नेकां-कांग्रेस गठबंधन सरकार में राज्यमंत्री भी रहे। वर्ष 2014 में वह अमीराकदल पर पीडीपी उम्मीदवार सैयद मोहम्मद अल्ताफ बुखारी से चुनाव हार गए थे। बुखारी जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के चेयरमैन हैं।नासिर ने 2024 का चुनाव कुपवाड़ा सीट पर लड़ा। वहां उन्हें पीडीपी उम्मीदवार मीर मोहम्मद फैयाज ने हराया। फैयाज 2015 से 2019 तक पीडीपी के राज्यसभा सदस्य थे। आगा सैयद महमूद शिया मतदाताओं में जनाधार रखते हैं। उन्होंने वर्ष 1987 में पट्टन से और 1996 में बीरवाह से विधानसभा चुनाव लड़ा व जीता। वह दोनों ही बार तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला की सरकार में राज्यमंत्री भी रहे हैं ।