
नईदिल्ली, २6 जून ।
सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राजमार्गों का निर्माण पूरा होने के लिए हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (एचएएम) को लचीला और बाजार-संचालित बनाया जा सकता है। फिलहाल एचएएम मॉडल के तहत सरकार डेवलपर को काम शुरू करने के लिए परियोजना लागत का 40 प्रतिशत हिस्सा मुहैया कराती है, जबकि बाकी निवेश डेवलपर को करना होता है। गडकरी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि मेरा मानना है कि बुनियादी ढांचे का विकास ठेकेदारों द्वारा ही किया जाना चाहिए। अगर एचएएम मॉडल के तहत ठेकेदार परियोजना लागत का 60 प्रतिशत से अधिक निवेश करने को तैयार है, तो भी सरकार को हमेशा 40 प्रतिशत हिस्सा क्यों देना चाहिए। राजमार्ग का निर्माण पूरा होना जरूरी है और ये प्रस्ताव बाजार-संचालित होने चाहिए।- नितिन गडकरीगडकरी ने यह भी कहा कि वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (जीएनएसएस) पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह लागू होने पर देश में कुल टोल संग्रह कम-से-कम 10,000 करोड़ रुपये बढ़ जाएगा।भारत में कुल टोल संग्रह सालाना आधार पर 35 प्रतिशत बढक़र वित्त वर्ष 2023-24 में 64,809.86 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। गडकरी ने यह भी सुझाव दिया कि राज्य परिवहन बसों को राजमार्गों पर टोल का भुगतान करने से छूट दी जानी चाहिए।