
रायपुर।छत्तीसगढ़ में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस बड़ा बदलाव करने जा रही है। राजीव भवन स्थित प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय में दो दिवसीय बैठक की शुरुआत हुई। बैठक में जिलाध्यक्षों, विधायकों व जनप्रतिनिधियों के साथ हार के कारणों पर चर्चा हुई। साथ ही यह पूछा गया कि क्यों न इस प्रदर्शन पर पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। सूत्रों के मुताबिक बदलाव की इस कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी संगठन से बाहर हो सकते हैं। वहीं, पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव व वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत के चहेतों को जगह मिल सकती है। पार्टी के भीतर वाद-विवाद और अंर्तकलह की बातें सामने आई। इससे नई दिल्ली की फैक्ट फाइडिंग टीम भी आश्चर्यचकित रही। टीम के सामने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार को भी हार के कारणों में शामिल किया गया। इन सब विषयों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री की करीबियों पर गाज गिर सकती है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में एक-एक जिलाध्यक्षों से सवाल-जवाब किया गया। राजीव भवन में शाम चार बजे से प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उपाध्यक्ष गुरमुख सिंह होरा, अंबिका मरकाम, राज्यसभा सदस्य फूलोदेवी नेताम आदि नेतागण शामिल थे। नईदिल्ली से लौटने के बाद से ही बैज ने बदलाव के संकेत दे दिए हैं। कांग्रेस बड़े पैमाने पर जिला अध्यक्षों को बदलने पर विचार विमर्श कर रही है। साथ ही राज्य स्तरीय पदाधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। विधानसभा लोकसभा में जिन सीटों पर कांग्रेस को हार मिली है, वहां के जिलाध्यक्षों को साफ संकेत दे दिए गए हैं। साथ ही जिला स्तर पर संगठनात्मक ढांचे में भी फेरबदल होगा। प्राप्त सुझावों के आधार पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी की बैठक में बदलाव पर अंतिम निर्णय होगा। बुधवार को पार्टी की बैठक में नगरीय निकाय चुनावों को लेकर चर्चा होगी।