चंडीगढ़, 02 सितम्बर।
चंडीगढ़ में किसान आंदोलन शुरू हो गया है। सेक्टर-34 के मेला ग्राउंड किसानों ने पक्का मोर्चा लगा लिया। पुलिस प्रशासन ने किसानों को केवल चार दिन की अनुमति दी है लेकिन वे पूरी तैयारी के साथ तीन महीने का राशन-पानी लेकर आए हैं। ऐसे में पुलिस-प्रशासन के साथ आम जनता की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। फिलहाल पुलिस पूरी तरह अलर्ट है। किसानों को ग्राउंड से बाहर रैली व प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। आंदोलन को देखते हुए पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी कर दी है। सेक्टर-34 की ओर जाने वाले कई रूट डायवर्ट किए गए हैं। ऐसे में अगर आपको सेक्टर-34 की ओर जाना है तो परिवर्तित रूट देख लें। किसानों को मेला ग्राउंड में ही रोकने के लिए पुलिस ने ग्राउंड के चारों ओर बैरिकेडिंग करने के साथ अन्य इंतजाम किए हैं। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है। यहां करीब 200 पुलिस जवानों समेत रैपिड फोर्स को तैनात कर किया गया है। पुलिस की वर्दी समेत विभिन्न जांच एजेंसियों के जवान भी सिविल ड्रेस में किसानों के बीच मौजूद हैं और उनकी हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं। अगर किसान प्रशासन के आदेशों की अवहेलना करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पंजाब का विधानसभा सत्र 4 सितंबर तक ही चलना है। प्रशासन के आदेशानुसार, किसानों को 5 सितंबर की सुबह होने से पहले सेक्टर-34 के मेला ग्राउंड को खाली करना होगा लेकिन किसानों ने सरकार ही नहीं बल्कि यूटी प्रशासन व पुलिस के साथ भी आर-पार की लड़ाई करने का ऐलान कर दिया है। किसानों का कहना है कि अब तो उनका पक्का मोर्चा इस ग्राउंड से तभी उठेगा जब पंजाब सरकार उनकी सारी मांगें मान लेगी। अगर किसानों को पंजाब सरकार की ओर से उनकी मांगों को लेकर बातचीत के लिए बुलाया जाता है तो इसके लिए भी केवल 5-7 किसानों का शिष्टमंडल ही सरकार के साथ बातचीत के लिए जा सकेगा और उसकी जिम्मेदारी पुलिस की होगी। ट्रैफिक पुलिस की ओर से किसान आंदोलन में आने वाले किसानों को अपने वाहन निर्धारित स्थान पर ही खड़े करने होंगे।
ट्रैफिक पुलिस ने किसान यूनियनों के लिए सेक्टर 33-डी मार्केट के पास, ओपन ग्राउंड, सेक्टर 44, लक्ष्मी नारायण मंदिर के पास, मंडी ग्राउंड, सेक्टर 45-डी, दशहरा ग्राउंड, सेक्टर 46-डी में पार्किंग स्थल बनाए हैं।