
कोरिया बैकुंठपुर। जल जीवन मिशन योजना के तहत पाइप लाइन के जरिए हर-घर नल कनेक्शन देकर पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई थी, लेकिन जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से करीब 15 किमी दूर स्थित सोनहत ब्लॉक के कटगोड़ी में लगभग तीन साल पूर्व पीएचई विभाग की ओर से पाइपलाइन बिछाई तो गई पर आज तक नल नहीं लगाया गया है। आलम यह है कि यहां पाइप लाइन बिछाने के करीब 32 महीने बीत जाने के बावजूद भी गांव में सप्लाई चालू नहीं की गई। सप्लाई शुरू नहीं होने से ग्रामीणों को पेयजल के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इसके चलते उन्हें गांव में मौजूद हैंडपंप से पानी लेकर आना पड़ता है। ग्रामीण बताते हैं कि सालों पहले विभाग के ठेकेदार द्वारा जल्दी-जल्दी में 4 इंच की पाइपलाइन बिछाई गई थी। पाइप लाइन बिछाने में भी काफी अनियमितता की गई थी। कई बार शिकायतों के बाद भी विभाग के अधिकारियों ने गांव की ओर पलट कर भी नहीं देखा। ठेकेदार द्वारा कस्बे में बिछाई गई पाइप लाइनें गहराई में न डालकर ऊपरी सतह पर ही डाली गई है, जिससे पाइप लाइन के क्षतिग्रस्त होने की संभावना अधिक रहती है। जानकारी के अनुसार विभाग के अधिकारियों द्वारा शासकीय कार्यों के हर स्टेप पर मॉनिटरिंग के लिए मेजरमेंट बुक में कार्य को लिखकर हस्ताक्षर किया जाता है। जिले में चल रहे जल जीवन मिशन के ज्यादातर कार्यों के लिए मेजरमेंट बुक के पहले ही भरकर हस्ताक्षर कर दिए जाने की बात कही जा रही है। वहीं दूसरी ओर विभाग द्वारा जल जीवन मिशन में जानकारी के लिए लगाए गए आवेदनों पर भी जानकारी नहीं देने के कारण अनियमितताओं को लेकर सवाल खड़े होते दिख रहे हैं। कोरिया जिले के पटना तहसील क्षेत्र के 52 पंचायतों में पेयजल के लिए 2 साल में करीब 52 करोड़ से अधिक राशि खर्च की जा चुकी है। बावजूद योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। जल जीवन मिशन योजना से घर-घर पानी उपलब्ध कराने के लिए पीएचई विभाग ने नल कनेक्शन के लिए पाइप व चबूतरे तो लगा दिए लेकिन सप्लाई लाइन नहीं बिछाई गई। निर्माण के दो साल बाद भी पानी नहीं मिलने से ग्रामीण परेशान हैं। पेयजल व निस्तार के लिए ग्रामीण पुराने स्रोतों पर ही निर्भर हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अधूरी पड़ी योजना को लेकर विभागीय अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। कोरिया जिले के बैकुंठपुर विकासखण्ड अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत पटना सहित आसपास के 52 पंचायतों में ग्रामीणों को हो रही पेयजल की समस्या को दूर करने के लिए जल जीवन मिशन समेत अन्य योजनाओं के तहत पिछले 2 साल में ओवरहेड पानी टंकी, स्टाम्प पोस्ट, पाईप लाइन विस्तार कार्य के नाम पर 52 करोड़ रुपए से भी अधिक राशि खर्च की गई है, लेकिन घरों के बाहर लगे नल में पानी नहीं पहुंचा। विभागीय लापरवाही से योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल सका है। पंचायतों में पाइप लाइन बिछाने का कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ है, लेकिन जगह-जगह नल कनेक्शन के लिए लगे पाइप व चबूतरे का लोग जानवरों के खूंटे की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं. पंचायतों में पेयजल आपूर्ति का कार्य शुरू नहीं किया गया जिस वजह से ग्रामीणों को पेयजल के लिए पानी नहीं मिल रहा है, गांवों में पानी की व्यवस्था के लिए ग्रामीणों को पुराने स्रोत, निजी ट्यूबवेल, हैंडपंप व कुआं का उपयोग करना पड़ रहा है।
ओवरहेड टंकी बनी लेकिन निर्माण अधूरा
ग्राम पंचायत चिरगुड़ा, कटोरा में भी ओवरहेड पानी टंकी बनाकर गांव के आधे-अधूरे ग्रामीणों के घरों में पाईप लाइन विस्तार कराया गया है लेकिन जिनके घरों तक पाइप लाइन नहीं पहुंचा है वहां भी सीमेंटेड पाइप ऐसे ही लगाए गए हैं। कई स्थानों के स्टाम्प पोस्ट तो टूट कर नष्ट हो चुके हैं. इसी तरह ग्राम पंचायत छिंदिया, तेंदुआ, डूमरिया, पीपरा, टेंगनी, टेमरी, खोंड़, सावांरावां, करहिया खांड़, बरदिया, कटकोना, मुरमा, अंगा, पूटा, चम्पाझर, डकईपारा, जमगहना, महोरा, अमहर, डबरीपारा, कसरा, तरगंवा, रामपुर, बुड़ार, कुड़ेली सहित क्षेत्र के सभी अन्य पंचायतों में जल जीवन मिशन योजना के तहत 2 साल से निर्माण कार्य अधूरे पड़े हैं और ग्रामीण पानी के इंतजार में हैं।
कनेक्शन शुरू नहीं
ग्रामीण बताते हैं कि आने वाले मार्च-अप्रैल महिने में पाइपलाइन बिछाई 3 साल पूरा हो जाएगा। अब तक कई महीने हो चुके हैं, लेकिन विभाग द्वारा पाइपलाइन बिछाने के बावजूद भी गांव में केवल सीमेंट के खूंटे गाड़ कर ही छोड़ दिया गया है। इसमें ना तो सब असेंबली पाइप लगी है और ना ही टोटी ही लगाई गई है। यहां तक की नाल के आसपास बने सीमेंट के फाउंडेशन लोग कई अन्य तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं।
























