स्कूल पहुंचने से पहले नदी पार करते हैं बांसखर्रा के छात्र
कोरबा। सरकारी स्कूल में पढ़ाई के स्तर को बेहतर करने के लिए भारी भरकम संसाधन दिए जा रहे है। तमाम तरह के दावे किए जा रहे है। इन सबके बीच कोरबा ब्लॉक के बाँसखर्रा के छात्रों को स्कूल जाने के लिए नदी पार करना पड़ता है। ग्रामीणों ने एक बार फिर प्रशासन से कहां आएगी वह इस इलाके में पक्की सडक़ बनाने के साथ नदी पर पुल का निर्माण भी कराए।
केरवा पंचायत के बाँसखर्रा गांव की महिलाएं अपने यहां से जुड़ी समस्या बताने के लिए कलेक्टर कार्यालय पहुंची थी। महिलाएं अपने साथ समस्या से सम्बंधित वीडियो भी लाई थी। जिसमे दिख रहा है बांसखर्रा के छात्रों को स्कूल जाने के लिए किस तरह नदी पार करने का जोखिम उठाना पड़ता है।
गांव की महिलाओं ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि बच्चों को पढऩा जरूरी तो है लेकिन कई प्रकार के खतरे उन्हें इस बात की आज्ञा नहीं देते कि वह अपने बच्चों को स्कूल भेजें। इसलिए ग्रामीण चाहते हैं कि गांव से स्कूल जाने के रास्ते में पक्की सडक़ और नदी पर पुल का निर्माण जल्द से जल्द कराया जाए। ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले भी उनके द्वारा कई अवसर पर सरकार के अधिकारियों को समस्या बताई जा चुकी है और ज्ञापन दिए गए हैं लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। ग्रामीणों का कहना है कि बच्चों का भविष्य बेहतर हो यह उनकी भी चिंता है लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार को इससे बहुत ज्यादा लेना देना नहीं रह गया है। ये बात और है कि बांसखर्रा के विद्यार्थियों के अभिभावक समस्या का हल खोजने के लिए कोरबा आ पहुंचे। इन सबसे अलग जिले में कई और भी स्पॉट हैं जहां पर छात्रों के घर और स्कूल की दूरी के बीच इस प्रकार की परेशानियां बनी हुई है। शिक्षा को आगे बढऩे का हथियार समझने के चक्कर में बचपन में जोखिम लेने के लिए विद्यार्थी उत्साह दिखा रहे हैं।