
चंडीगढ़, २० जुलाई ।
असम की डिब्रुगढ़ जेल में बंद खडूर साहिब सीट से कट्टरपंथी सिख सांसद अमृतपाल सिंह ने एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) में उनकी हिरासत अवधि बढ़ाने के पंजाब सरकार के फैसले को चुनौती दी है। अमृतपाल ने दलील दी कि सरकार यह दुष्प्रचार कर रही है कि उनका संविधान में कोई विश्वास नहीं है, जबकि वह दो बार संविधान की शपथ ले चुके हैं। हाई कोर्ट में याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई की संभावना है। अमृतपाल के अनुसार, यह तथ्य कि वह एक राजनीतिक संदेश पंजाब के लोगों को दे रहे थे, लोकसभा चुनाव में उनका चुना जाना पूरी तरह उचित प्रमाणित करता है। अमृतपाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव ने राज्य सरकार के गलत दुष्प्रचार को भी गलत साबित कर दिया है कि याचिकाकर्ता का संविधान में कोई विश्वास नहीं है क्योंकि चुनाव की प्रक्रिया ही प्रत्येक उम्मीदवार के लिए संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेना व नामांकन पत्र दाखिल करते समय शपथ लेना अनिवार्य बनाती है। अमृतपाल ने यह भी कहा कि उन्होंने लोकसभा सदस्य के रूप में चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद दूसरी बार भारत के संविधान की शपथ ली है और निर्वाचन क्षेत्र व पंजाब राज्य के सर्वोत्तम हितों का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार अर्जित किया है। अमृतपाल ने याचिका में कहा कि एनएसए के तहत उनकी हिरासत अवधि बढ़ाने का आधार मुख्य रूप से खुफिया सूचनाओं पर आधारित है।
उनके खिलाफ सभी कार्रवाई असंवैधानिक, कानून के खिलाफ तथा राजनीतिक असहमति के कारण दुर्भावनापूर्ण हैं और उन आधारों पर नहीं हैं जिनके आधार पर निवारक हिरासत का आदेश दिया जा सकता है, अत: इसे तुरंत रद किया जाना चाहिए।