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नईदिल्ली, २१ फरवरी ।
बांग्लादेश के सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख ने शेख हसीना सरकार के पतन के बाद अपने देश में अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों को कमतर आंकने की कोशिश की और कहा कि ऐसी रिपोर्टें बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गई हैं। बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के महानिदेशक मेजर जनरल मोहम्मद अशरफुज्जमां सिद्दीकी ने यह भी कहा कि बीएसएफ महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी की अध्यक्षता में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ उनकी उच्च स्तरीय वार्ता के दौरान कई नए मुद्दों पर चर्चा की गई।चौधरी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए सिद्दीकी ने कहा कि उनके देश के अधिकारियों ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने अपने सुरक्षा बलों का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी सेना ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपने अधिकार क्षेत्र के आठ किलोमीटर के भीतर दुर्गा पूजा पंडालों को व्यक्तिगत रूप से सुरक्षा कवर प्रदान किया। बाड़बंदी का काम शुरू होने से पहले हमने संयुक्त निरीक्षण का भी अनुरोध किया। हाल के दिनों में अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों के बारे में मैं कहूंगा कि यह अतिशयोक्ति है और ईमानदारी से कहूं तो अल्पसंख्यकों पर ऐसे हमले नहीं हुए।यह विडियो भी देखें
गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद दोनों बलों की यह पहली उच्च स्तरीय बैठक थी। तीन दिनों तक चलने वाली इस वार्ता का गुरुवार को समापन हो गया।बहरहाल, बीजीबी महानिदेशक ने यह भी कहा कि उन्होंने भारत द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर की जा रही बाड़बंदी के संबंध में द्विवार्षिक महानिदेशक स्तर की वार्ता के दौरान आपत्तियां उठाईं और कई अन्य मामलों को भी उठाया। बांग्लादेशी बदमाशों द्वारा बीएसएफ और भारतीय नागरिकों पर हमलों के मुद्दे पर चर्चा की गई। भारत सरकार सीमा पर गैर-घातक हथियारों के उपयोग की रणनीति का पालन करती है। कभी-कभी रात के अंधेरे का फायदा उठाकर और बाड़ को तोडक़र कुछ बदमाश हमारे क्षेत्र में घुसने की कोशिश करते हैं और बीएसएफ कर्मियों पर हावी होने की कोशिश करते हैं। बीएसएफ महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा एक बहुत ही गतिशील और सक्रिय सीमा है। भारतीय पक्ष ने बैठक के दौरान बीजीबी से आग्रह किया कि वह सुनिश्चित करे कि सीमा पूरी तरह सुरक्षित रहे और सीमा पर कोई घुसपैठ न हो, ताकि बांग्लादेशी अपराधियों द्वारा बीएसएफ कर्मियों और स्थानीय भारतीयों पर हमला करने की घटनाएं न हों।