
जांजगीर-चांपा। साढ़े साल बाद जाकर श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों को अब जाकर मुख्यमंत्री साइकिल सहायता योजना, सिलाई मशीन सहायता योजना, श्रमिक औजार सहायता योजना का लाभ मिलेगा। लेकिन इस बार पंजीकृत हितग्राहियों को सामग्री नहीं मिलेगी बल्कि इन सामाग्रियों के बदले सहायता राशि प्रदान की जाएगी जो सीधे उनके खाते में जाएगी।गौरतलब है कि श्रम विभाग में पंजीकृत हितग्राहियों को पहले इन योजनाओं के तहत विभाग के जरिए सामग्री वितरित की जाती थी। अंतिम बार बीजेपी शासनकाल में 2018 में हितग्राहियों को सिलाई मशीन, साइकिल, श्रमिक औजार और सेफ्टी किट बांटी गई थी। फिर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए और कांग्रेस की सरकार बनी। इसके बाद से इस योजना के तहत साढ़े चार साल तक न सामग्री वितरण हुई और न ही राशि। हालांकि योजना संचालित थे इसलिए आवेदन जरुर लिए जा रहे थे मगर लाभ नहीं मिल पा रहा था। आवेदन विभाग में ही धूल खा रहे थे। हितग्राहियों को सामग्री वितरण योजना पर ग्रहण लगा हुआ था। हितग्राही इंतजार करते आ रहे थे जो अब जाकर खत्म होने वाला है। राज्य सरकार जल्द ही हितग्राहियों को इस योजना के तहत लाभ देने जा रही है। लेकिन इस बार सामग्री के एवज में सहायता राशि मिलेगी क्योंकि विभाग के तहत सामग्री खरीदी पर रोक लगी है इसलिए हितग्राहियों को सामग्री के बदले सहायता राशि दी जा रही है।श्रम विभाग के द्वारा जिले से अब तक इन योजनाओं के तहत पात्र 2000 से ज्यादा हितग्राहियों को चिन्हांकित कर सूची राज्य सरकार को भेजी जा चुकी है। जैसे ही राशि श्रम विभाग को शासन से मिलेगी, इसके बाद हितग्राहियों के खाते में राशि पहुंचनी शुरु हो जाएगी। माह के अंत में दूसरी सूची फिर से भेजी जाएगी।
योजना का लाभ श्रम विभाग में भवन निर्माण कर्मकार श्रेणी में पंजीकृत हितग्राही को ही मिलेगा। साथ ही साइकिल मशीन और साइकिल सहायता राशि के लिए वे ही हितग्राही पात्र होंगे जिनका श्रम विभाग में पंजीयन होगा। साथ ही शासन के द्वारा चलाए जा रहे कौशल विकास प्रशिक्षण में शामिल हुआ हो।सिलाई मशीन सहायता योजना के तहत 7900 रुपए, साइकिल सहायता योजना के तहत 3600 से 3700 रुपए, सेफ्टी किट 1500 रुपए और श्रमिक औजार सहायता योजना के तहत श्रमिकवार 2500 से 10 हजार तक सहायता राशि मिलेगी।श्रम विभाग में पंजीकृत भवन निर्माणी कर्मकार श्रमिकों को मुख्यमंत्री सामग्री सहायता योजना का जल्द ही लाभ मिलेगा। हालांकि इस बार सामग्री वितरण नहीं की जाएगी बल्कि उनकी सहायता राशि खाते में जाएगी। करीब 2000 से ज्यादा पात्र आवेदनों की सूची बनाकर शासन को भेजे हैं। राशि मिलते ही जारी की जाएगी।
घनश्याम पाणिग्रही
श्रम पदाधिकारी