कोरबा। गणेश चतुर्थी के अवसर पर सुंदर चैतन्य गणेश की झांकी का आयोजन प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी के द्वारा किया गया। झांकी ईश्वरी विश्वविद्यालय के सद्भभावना भवन में विराजमान किया गया। इस मौके पर महापौर राजकिशोर प्रसाद संस्था की प्रभारी बी.के रुक्मणी दीदी विशेष तौर पर उपस्थित रही। झांकी का उद्घाटन महापौर के द्वारा दीप प्रज्वलित कर आरती व पूजा अर्चना कर किया गया। इस अवसर पर बी.के रुक्मणी दीदी ने इस त्यौहार का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि गणेश जी का दूसरा नाम विघ्नहर्ता भी है परंतु सिर्फ गणेश जी की पूजा करने मात्र से विघ्न दूर नहीं होंगे क्योंकि वास्तव में विघ्नों का आरंभ कहीं ना कहीं जीवन में अपनी ही कमजोरी से होता है और कमजोरियों का प्रवेशता होती है फिर का आना प्रारंभ हो जाता है हम सोए को भूल जाते हैं कि हम उसे सर्वशक्तिमान परमपिता शिव की संतान एक चैतन्य आत्मा है और जब देखकर अभिमान अहंकार में आते हैं तब हमारा पतन होना आरंभ हो जाता है श्री गणेश जी को दिव्य बुद्धिमान कहा जाता है जब परमपिता शिव परमात्मा हमें सत्य ज्ञान देकर सत्यता का बोध कराते हैं अर्थात फिर हम श्रेष्ठ बन जाते हैं और यह वही समय चल रहा है जब परमपिता परमात्मा सत्य ज्ञान दे रहे हैं उन्होंने नगर के सभी श्रद्धालुजनों से सत्य ज्ञान लेने हुआ चैतन्य श्री गणेश जी की झांकी का दर्शन लाभ लेकर जीवन को सुख शांति मय बनाने की अपील भी की है। इस अवसर पर कमल कर्माकर, डॉ. के सी देवनाथ, प्रियंका वासन तथा संस्था से जुड़े भाई बहनों की भारी संख्या में उपस्थिति रही।