जांजगीर-चांपा। दबंगों ने एक गरीब आदिवासी की जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया है। शिकायत पर जेल भी गया, इसके बाद जेल से आने के बाद फर्जी पट्टा बनाकर रहने लगा। सालों से न्याय पाने आदिवासी दफ्तरों का चक्कर काट रहा है। लेकिन उसकी कहीं सुनी नहीं जा रही है।
अपना जीवन यापन करते तथा अपने परिवार का पालन पोषण करते आ रहा है। प्रताप सिंह ने बताया कि पिछले तीन साल अपने ही जमीन को पाने के लिए दफ्तरों का चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि गांव के ही कृष्ण कुमार गुप्ता व रामसनेही पटेल द्वारा एक राय होकर निजी भूमि पर कब्जाकर अवैध निर्माण शुरू किया गया। प्रताप को उसकी ही जमीन से बेदखल का प्रयास किया जा रहा है। शिकायत विशेष सत्र न्यायाधीश जांजगीर के अदालत में धारा 294, 506, 34, एससीएसी एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध हुआ। रामसनेही को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इसके बाद रामसनेही जमानत पर रिहा हो गया। जमानत पर रिहा होने के बाद रामसनेही वादभूमि को भूमि स्वामी पट्टा होना कहकर दावा करते हुए सिविल विवाद साबित करके बचने के लिए फर्जी पट्टा बनाकर अपनी पत्नी राजकुमारी के माध्यम से झूठा व्यवहार वाद प्रस्तुत किया है।
उनके खिलाफ कानून का सहारा लेने पर फर्जी दस्तावेज लेकर मेरी निजी भूमि को सरकारी भूमि कहकर प्रचारित कर रहे हैं। अधिकारियों को अपने पैसे की शह पर बरगला रहे हैं। जिससे प्रताप को उचित न्याय नहीं मिल पा रहा है। इस जमीन का प्रताप सिंह द्वारा सीमांकन भी कराया व्यस्तता के कारण समय नहीं पा रहा था। हालांकि पुलिस को सूचना दी गई है। जल्द ही इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
आदिवासी प्रताप सिंह कंवर ने बताया कि एसडीएम के आदेश के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं किया जा रहा है। नायब तहसीलदार द्वारा थाना जाने की बात कही जाती है। थाना में सुबह से रात 8 बजे तक सोमवार को बैठा रहा, इसके बाद भी नायब तहसीलदार नहीं पहुंचे। इधर थाना प्रभारी का कहना है कि नायब तहसीलदार के हस्ताक्षर के बिना एफआईआर दर्ज नहीं होगा, क्योंकि जांच उन्हीं के द्वारा किया गया है। जिसमें निजी जमीन होकर इन दोनों बेजाकब्जा किया जाना सिद्ध भी हो गया है। कलेक्टर के आदेश बाद तहसीलदार के जांच में पट्टा फर्जी निकला।
इसके बाद एसडीएम द्वारा संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने तहसीलदार व थाना प्रभारी को लिखित में निर्देश दिया गया। दो माह बीत जाने के बाद भी अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी है। उन्होंने बताया कि मेरी ही जमीन की वापसी के लिए विभिन्न मामले मुकदमे में उलझाता जा रहा है।