
कोलकाता। कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दरिंदगी मामले में सियालदह कोर्ट ने शनिवार को सिविक वालंटियर संजय राय को दोषी करार दिया। अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश अनिर्बाण दास सोमवार दोपहर साढ़े 12 बजे फैसला सुनाएंगे। फैसले की कॉपी 160 पन्नों की बताई जा रही है।संजय को भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 (दुष्कर्म), 66 (दुष्कर्म के बाद मौत) व 103 (1) (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया है। मामले में एकमात्र मुख्य आरोपित रहे संजय को वारदात के 162 दिनों व सियालदह कोर्ट में 59 दिनों तक चली न्यायिक प्रक्रिया के बाद दोषी करार दिया गया है।संजय रॉय को शनिवार को बेहद कड़ी सुरक्षा में अदालत में पेश किया गया।
मृतका के माता-पिता भी वहां मौजूद थे। एएनआई के मुताबिक सुनवाई के दौरान संजय ने खुद को निर्दोष बताया। संजय ने न्यायाधीश से कहा, मुझे झूठा फंसाया गया है। मैंने ऐसा नहीं किया है। जिन्होंने ऐसा किया है, उन्हें छोड़ा जा रहा है। इसमें एक आईपीएस शामिल है।उसने आगे कहा, मैं हमेशा अपने गले में रुद्राक्ष की माला पहनता हूं। अगर मैंने अपराध किया होता तो मेरी माला मौके पर ही टूट जाती। मैं यह अपराध नहीं कर सकता।”इस पर न्यायाधीश ने कहा, सीबीआई की ओर से पेश किए सुबूतों व गवाहों के बयान के आधार पर आपका अपराध साबित होता है। आपने जो अपराध किया है, उसके लिए आपको मृत्युदंड अथवा आजीवन कारावास मिल सकता है। न्यायाधीश ने आगे कहा-सजा सुनाने से पहले आपको एक बार फिर बोलने का मौका दिया जाएगा।संजय को दोषी करार दिए जाने पर अदालत कक्ष में मौजूद मृतका के पिता रो पड़े। अदालती कार्यवाही पूरी होने के बाद उन्होंने न्यायाधीश को धन्यवाद देते हुए कहा, मैंने आप पर जो विश्वास रखा था, आपने उसकी मर्यादा रखी। इस पर न्यायाधीश ने उनसे कहा, सोमवार को मैं आपकी बात भी सुनूंगा। बाद में पत्रकारों से बातचीत में मृतका के पिता ने कहा- मैं अभी भी पूरी तरह संतुष्ट नहीं हूं। बहुत से सवालों के अब तक जवाब नहीं मिले हैं।पिछले साल 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हाल से महिला डॉक्टर का शव बरामद मिला था। घटना के अगले दिन संजय को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में 51 लोगों के बयान दर्ज किए गए थे।