कांग्रेस पर्यवेक्षक ने दावेदारों से की चर्चा

कोरबा। नगर पालिका निगम कोरबा का छठवा चुनाव होने जा रहा है। नामांकन की प्रक्रिया को आज दूसरा दिन है। अब तक प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस ने महापौर पद के लिए प्रत्याशी चयन नहीं किया है लेकिन उसके पास दावेदारों के आवेदन जरूर पहुंचे हैं। खबर के अनुसार दोनों ही पार्टियों महापौर पद के लिए ऐसे दावेदार की तलाश में है जो 67 वार्ड में पहले निगम क्षेत्र तक पहुंच बनाने के साथ मतदाताओं पर अपना प्रभाव बना सके। इसलिए सबसे ज्यादा फोकस इसी बात पर है कि आर्थिक और हर दृष्टि से सक्षम उम्मीदवार होना चाहिए। माना जा रहा है कि प्रमुख राजनीतिक दल इसी हिसाब से टिकट फाइनल करेंगे।
नगर निगम कोरबा में महापौर पद महिला सामान्य के लिए रिजर्व किया गया है। पिछले चुनाव में यह पद ओबीसी मुक्त रखा गया था भारतीय जनता पार्टी के सूत्रों का कहना है कि पार्षदों के मामले में उसने आरक्षण के नियम को फ्लैक्सिबल कर रखा है जबकि महापौर प्रत्याशी चयन के मामले में समझौते की उम्मीद नहीं होने की बात की जा रही है । लेकिन कई कारण से कोरबा निगम क्षेत्र में क्राइटेरिया से अलग हटकर विचार किया जा रहा है। खबर के अनुसार महापौर पद के लिए पार्टी के पास मौजूदा पार्षद रितु चौरसिया और वैशाली रन पार्किंग के द्वारा प्रमुख रूप से दावेदारी की गई है। जबकि भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ज्योति वर्मा और स्वच्छता के क्षेत्र में काम कर रही शीतल विश्वकर्मा का नाम भी इस कड़ी में आगे आया है। इन सबसे हटकर मुख्य बात यह है कि निगम चुनाव काफी महत्वपूर्ण है और इसमें पूरी धमतरी के साथ उतरना और जीत के रास्ते तक पहुंचना अहम चीज है। ऐसे में जनता के बीच पकड़ के साथ-साथ दुनिया भर के खर्चों को मेंटेन करना भी महत्वपूर्ण हो जाता है। कई प्रकार की कसौटी पर खरा उतरने की स्थिति में ही संभव है कि आप चुनावी पिच पर लंबे समय तक टिक सके। इस दृष्टिकोण से ऐसा माना जा रहा है कि अगले एक-दो दिन में और कोई दावेदारी सामने नहीं आने पर भाजपा मौजूदा चेहरों में से किसी एक को प्रत्याशी घोषित कर सकते हैं। बताया गया कि मंडल, जिला और संभाग स्तर पर होने वाली मंत्रणा के बाद इसकी घोषणा प्रदेश से की जाएगी।
वही पिछले 5 वर्ष नगर निगम कोरबा में सत्ता संभालने वाली कांग्रेस विचार कर रही है कि इस चुनाव में वह किस महिला नेत्री को प्रत्याशी बनाएं। कांग्रेस के पास कार्यकर्ताओं की कमी नहीं है लेकिन मौजूदा हालात में वहां पर पद के लिए उसके पास केवल दो ही आवेदन प्राप्त हुए हैं ।इनमें प्रदेश पदाधिकारी उषा तिवारी और रेखा त्रिपाठी के नाम शामिल है। इनमें उषा तिवारी 10 वर्ष पहले महापौर का चुनाव लड़ चुकी हैं तब उन्होंने तीसरा स्थान हासिल किया था और अच्छे वोट हासिल किए थे। उसे समय कांग्रेस से उनके रिश्ते कड़वाहट भरे थे और उन्होंने उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कांग्रेस को बाय-बाय कर दिया था। उसे चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रेनू अग्रवाल को भाजपा की हरी क्रांति दुबे के विरुद्ध जीत हासिल हुई थी। कांग्रेस संगठन इस चुनाव में किसी कार्यकर्ता को कोरबा नगर निगम से महापौर पद के लिए मैदान में उतरना चाहता है यह उसका अपना विषय है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के द्वारा नगर निगम कोरबा के लिए नियुक्त किए गए पर्यवेक्षक गुरमुख सिंह होरा आज कोरबा पहुंचे उन्होंने जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में महापौर पद के दावेदारों से वन टू वन बातचीत की। पर्यवेक्षक के द्वारा पार्षद पद के लिए दावेदारी करने वाले कार्यकर्ताओं से भी चर्चा की गई। इस दौरान कई पक्ष पर चर्चा हुई। जैसे की चुनाव लडऩे के लिए उनकी रणनीति क्या होगी। संसाधन क्या होंगे। निगम क्षेत्र में उनका जनाधार क्या है। इस दौरान बहुत सारी चीज साफ होने पर पर्यवेक्षक की ओर से अपनी रिपोर्ट आगे दी जाएगी और फिर इसके आधार पर संगठन कोरबा को लेकर उचित निर्णय लेगा। कांग्रेस पर्यवेक्षक आज ही दोपहर 2 बजे पार्टी कार्यालय में समन्वय समिति की बैठक भी चुनाव के सिलसिले में लेंगे। भाजपा और कांग्रेस के अलावा कई क्षेत्रीय दल भी अपने कार्यकर्ता को इस चुनाव में लडऩे की मानसिकता में है। इसके पीछे सोच यही है कि निगम क्षेत्र में अपनी जमीन को मजबूत किया जाए।