
इंदौर, 1१ मई ।
सवा सौ करोड़ रुपये के घोटाले का मुख्य आरोपित अभय राठौर पकड़ा गया। आरोपित एटा(उप्र) में रिश्तेदारों के घर में छुपा हुआ था। आरोपित ने पकडऩे पहुंचे पुलिसवालों से बहस की और गिरफ्तारी वारंट मांग कर दबाव बनाने की कोशिश की। पुलिस आयुक्त राकेश गुप्ता ने चार थानों की टीम भेजी थी। सख्ती करने पर राठौर प्रलोभन देकर बचने की कोशिश करने लगा। गुलाब बाग कालोनी निवासी अभय राठौर
(निलंबित एक्जीक्यूटिव
इंजीनियर) की गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। रात पुलिस ने मांगलिया से राठौर के रिश्तेदार को हिरासत में लिया और उससे पूछताछ के आधार पर एटा(उप्र)में दबिश मार दी। राठौर अपने बेटे जयसिंह के ससुराल वालों की मदद से फरारी काट रहा था। राठौर को पकड़ते ही रिश्तेदारों ने भाजपा नेताओं को बुला लिया। पुलिसकर्मियों से बहस की और कहा कि गिरफ्तारी वारंट के बगैर नहीं ले जा सकते। एफआइआर, इनाम प्रतिवेदन और वारंट बताते ही राठौर चुप हो गया। उसने पुलिसकर्मियों को प्रलोभन देने की कोशिश भी की।
राठौर की गिरफ्तारी से निगर निगम में पदस्थ रहे पूर्व अफसरों और कर्मचारियों की गिरफ्तारी का रास्ता भी साफ हो जाएगा। डीसीपी जोन-3 पंकज पांडे ने राठौर की गिरफ्तारी के लिए एमजी रोड़, छोटी ग्वालटोली, पलासिया, हीरानगर और बाणगंगा थानों के तेजतर्रात पुलिसकर्मियों की टीम गठित की थी। इनाम राशि भी बढ़ा कर 25 हजार रुपये कर दी गई थी। राठौर ने कुछ दिन पूर्व नया नंबर लिया था। नगर निगम से जुड़े एक ड्राइवर से बात करते ही पुलिस को खबर मिल गई। देर रात मांगलिया में छापा मारा देर रात एसआई शकील खान टीम लेकर रवाना हो गए। साइबर सेल की मदद से मोबाइल लोकेशन निकाली और राठौर तक जा पहुंचे। शातिर राठौर अपना मोबाइल और सिम कार्ड घर पर ही छोड़ गया था। घर पर भी भस्म आरती(उज्जैन) का बोल कर निकला था।