दमिश्क, ११ दिसम्बर ।
इजरायल ने मंगलवार को सीरिया में सैन्य ठिकानों पर बमबारी की। जबकि सीरियाई अधिकारियों ने दावा किया कि इजरायली सेना देश में अंदर तक घुस गई है। हालांकि इजरायल ने इससे इनकार किया और कहा कि उसके सैनिक बफर जोन में ही हैं। उसने सीरियाई हथियारों को शत्रुओं से बचाने के उद्देश्य से हमले किए। जबकि मिस्त्र, कतर, जार्डन और सऊदी अरब ने सीरिया में इजरायल की घुसपैठ की निंदा की और उस पर सीरिया के हालात का फायदा उठाने व अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन के आरोप लगाए।इस बीच, विद्रोही समर्थित मोहम्मद अल-बशीर सीरिया के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वह आगामी एक मार्च तक अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगे। तीन सुरक्षा सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि इजरायली सेना बफर जोन से आगे बढ़ गई है। वे कातना कस्बे तक पहुंच गए हैं, यह बफर जोन से पूर्व में कई किलोमीटर दूर है। यह इलाका दमिश्क एयरपोर्ट से महज कुछ दूरी पर है। बशीर ने कहा गया कि जनरल कमांड ने हमें एक मार्च तक कार्यवाहक सरकार चलाने का काम सौंपा हैजबकि ब्रिटिश आधारित सीरियाई मानवाधिकार निगरानी संस्था ने दावा किया कि सत्ता से बशर-अल असद के अपदस्थ होने के बाद से इजरायल ने देशभर में 300 से अधिक हवाई हमले किए हैं।
इजरायली सैनिक लेबनान के साथ लगती सीमा से सीरियाई क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। हालांकि इजरायल ने खबरों को फर्जी करार दिया है। इजरायली सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल नादाव शोशानी ने कहा, इजरायली टैंकों के दमिश्क की ओर बढऩे की खबरें फर्जी हैं। इजरायली सैनिक अपने देश की रक्षा के लिए बफर जोन में ही रुके हैं। जबकि ब्रिटिश सुरक्षा फर्म एम्ब्रे ने दावा किया कि इजरायली सेना ने सोमवार को सीरिया के लताकिया बंदरगाह पर नौसेना के छह पोत को निशाना बनाया, जिनमें से पांच डूब गए। इधर, तुर्किये ने कुर्द लड़ाकों की सैन्य आपूर्ति को निशाना बनाया है। उसने उत्तरी सीरिया में कुर्द वाईपीजी मिलिशिया के मिसाइल व हथियार लदे 12 ट्रकों, दो टैंक और गोला-बारूद को तबाह कर दिया।बता दें कि रविवार को विद्रोहियों ने दमिश्क पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद राष्ट्रपति असद को देश छोडक़र भागना पड़ा था। इसके साथ ही सीरिया पर 53 वर्षों से असद परिवार का शासन खत्म हो गया था। इस बदले हालात में इजरायल ने अपनी सेना को उस बफर जोन में भेज दिया था, जहां दोनों देशों के बीच कोई सैन्य गतिविधि न करने का समझौता था।इजऱाइल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कहा कि अगर सीरिया में नया शासन ईरान को खुद को फिर से स्थापित करने की अनुमति देता है, या हिजबुल्लाह को ईरानी हथियारों के हस्तांतरण की अनुमति देता है
तो हम जोरदार जवाब देंगे और हम भारी कीमत वसूल करेंगे।अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने मंगलवार को कहा कि वह सीरिया की नई सरकार को मान्यता देगा और उसका समर्थन करेगा, जो आतंकवाद का त्याग करेगी, रासायनिक हथियारों के भंडार को नष्ट करेगी और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करेगी। इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) सीरिया के मौजूदा हालात का फायदा उठा सकता है और वह खुद को फिर से स्थापित करने की कोशिश कर सकता है। हालांकि अमेरिका ऐसा होने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बीच, अमेरिका ने असद शासन के दो पूर्व खुफिया अधिकारियों को अमेरिकियों और अन्य के खिलाफ युद्ध अपराधों में आरोपित किया है।