जांजगीर-चांपा। जिले में पढ़े लिखे बेरोजगारों की संख्या डेढ़ लाख को पार कर चुकी है। ना केवल सरकारी वैकेंसी निकलने पर बल्कि निजी कंपनी में भी नौकरी के लिए आवेदन करने वालों की लंबी कतारें लगी हुई है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि नौकरी देने के लिए प्रशासन द्वारा आयोजित किए जाने वाले प्लेसमेंट कैंप में आवेदन करने वालों की संख्या नहीं के समान होती है। बीते 2 माह में जिला मुख्यालय में 3 प्लेसमेंट कैंप लगाए गए है, लेकिन तीनों बार ही स्वीकृत पदों की तुलना में आवेदकों की संख्या आधे में ही सिमटकर रह गई है।
गौरतलब है कि प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद राज्य सरकार द्वारा पढ़े लिखे युवाओं को रोजगार देने प्राथमिकता के आधार पर प्लेसमेंट कैंप आयोजित करने के आदेश दिए गए है। इसी के तहत जांजगीर चांपा जिले में जिला प्रशासन के दिशा निर्देशन में जिला रोजगार एवं मार्गदर्शन केन्द्र द्वारा प्लेसमेंट कैंप का आयोजन किया जा रहा है। बीते सितंबर व अक्टूबर महीने के इस पखवाड़े भर में तीन बार प्लेसमेंट कैंप का आयोजन किया जा चुका है। कैंप में विभिन्न कंपनियों में जो भर्तियां होनी है, उसकी संख्या बता करके आवेदकों से आवेदन लेने और वरियता के आधार पर चयनित करने का प्रावधान है, लेकिन विडंबना यह है। क जिले में आयोजित किए जाने वाले प्लेसमेंट कैंप में युवाओं का रूझान अत्यंत कम है। स्थिति यह है कि जितने पदों पर भर्ती होनी है
जिला मुख्यालय जांजगीर के लाइवलीहुड कॉलेज में हर महीने प्लेसमेंट कैंप का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में दो माह के भीतर 691 पदों के लिए नौकरी पाने महज 406 आवेदन आए। इनमें से 204 का चयन मौके पर ही किया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार 27 सितंबर को जिला मुख्यालय जांजगीर में आयोजित प्लेसमेंट कैप में सिक्योरिटी गार्ड, बीमा एजेंट, सेल्स एक्यूजेटिव सहित 141 पदों के लिए 88 बेरोजगार नौकरी पाने पहुंचे। इनमें से महज 10 को नौकरी के लिए चयन किया गया। इसी प्रकार सोनवार 1 अक्टूबर को आयोजित प्लेसमेंट कैंप में सिक्योरिटी गार्ड, बीमा एजेंट सेल्स एक्जुकेटिव, कंपनी प्रबंधन सहित 50 पदों के लिए प्लेसमेंट कैप आयोजित किया गया। जितने पद स्वीकृत किए गए थे, उसके तहत महज ? बेरोजगार युवा नौकरी पाने पहुंचे। इनमें से 12 का चयन मौके पर से किया गया। इसी तरह मंगलवार 15 अक्टूबर को आयोजित प्लेसमेंट कैंप में बालकों के स्कील ग्रुप कंपनी की ओर से 450 पदों एवं सोलाटा ग्रुप के 50 पदों को मिलाकर कुल 5 सौ पदों के लिए बेरोजगार युवाओं से आवेदन मंगाए गए थे। इनमें से नौकरी पाने 282 आवेदक पहुंचे। जिनमें से 192 का चयन किया गया।
बराबर भी नौकरी पाने वाले आवेदक प्लेसमेंट कैंप में नहीं पहुंच रहे। है। कई बार तो आवेदकों की संख्या निर्धारित पदों की तुलना में आधी से भी कम होती है। खास बात यह है कि इसमें भी जितने आवेदन जमा होने है, उनमे से ले देकर आधे को ही नौकरी मिल पाती है।
उल्लेखनीय है कि जांजगीर चांपा जिले में नौकरी की चाह रखने वाले शिक्षित बेरोजगारों की संख्या डेढ़ लाख से अधिक है। बीते सितंबर व अक्टूबर महीने के इस पखवाड़े भर में तीन बार प्लेसमेंट कैंप का आयोजन किया जा चुका है। सरकारी संस्थानों में भृत्य व क्लर्क के दो-चार पदों पर भर्ती के लिए वैकेंसी निकलती है, तो आवेदकों की संख्या हजारों में होती है। इसके अलावा प्राइवेट कंपनी में भी नौकरी की चाह लेकर आवेदन करने वालों की संख्या हजारों की तादात में होती है। ऐसे में प्लेसमेंट कैंप में भर्ती किए जाने वाले निर्धारित पदों के बराबर आवेदकों के नहीं पंहुंचने का सिलसिला समझ से परे है।