मुंबई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के खिलाफ एक टिप्पणी की थी। उदयनिधि ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की थी। उदयनिधि के इस बयान पर अब धीरे-धीरे विपक्षी गुट (आई.एन.डी.आई.ए.) के नेताओं की भी आपत्ति जताने की शुरुआत कर दी है। गुरुवार को शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा मैंने वह बयान सुना है। उदयनिधि स्टालिन एक मंत्री हैं और कोई भी उनके बयान का समर्थन नहीं करेगा। उन्होंने आगे कहा,किसी को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए। यह डीएमके का विचार हो सकता है या उनका निजी विचार है। इस देश में लगभग 90 करोड़ हिंदू रहते हैं और अन्य धर्मों के लोग भी इस देश में रहते हैं…उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जा सकती। कुछ दिनों पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उदयनिधि स्टालिन के बयान पर आपत्ति जाहिर की थी। उन्होंने कहा था, मैं खुद सनातन धर्म से आता हूं और मुझे लगता है कि किसी नेता को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उदयनिधि को इस तरह के बयान से बचने की नसीहत दी थी।