खुद के खर्च पर सुधार कराने से कर्मियों का इनकार
कोरबा। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत नगर निगम क्षेत्र में डोर टू डोर कचरा कनेक्शन करने के लिए ई-रिक्शे उतारे गए हैं। कुछ समय तक यह काम बेहतर चला। अब नियम शर्तों के चक्कर में फिर से कुछ इलाकों में सामान्य रिक्शों से कचरा उठाने का काम शुरू किया गया है। कर्मियों का कहना है कि वे अपने खर्च पर ई-रिक्शा का सुधार नहीं करा सकते।
कोरबा नगर के पावर हाउस रोड सहित कई क्षेत्रों में पुरानी व्यवस्था जमीन पर आ गई है। यहां सामान्य रिक्शे से घरों और संस्थानों से निकलने वाले कचरे को इक_ा करना शुरू किया गया है। इससे पहले इस इलाके में ई-रिक्शा के साथ एसएलआरएम सेंटर से जुड़े हुए कर्मी आ रहे थे। बदली व्यवस्था में उन्हें राहत हो रही थी। खबर के अनुसार एसएलआरएम सेंटर के सुपरवाइजर ने इन कर्मचारियों को साफतौर पर कह दिया है कि संचालन के दौरान ई-रिक्शे में किसी भी तरह की गड़बड़ी आने या टूट-फूट होने की स्थिति में कर्मियों को ही सुधार कराना होगा। 6 हजार रुपए मासिक मानदेय पर काम कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि वे इस प्रकार की जोखिम नहीं ले सकते और न ही सुधार करा सकते हैं। इसलिए ई-रिक्शे में आई गड़बड़ी के बाद उन्हें यार्ड में खड़ा करा दिया गया है और इसकी जानकारी अधिकारियों को दे दी गई है। वर्तमान में कई जगह पर पुरानी सामान्य रिक्शे के साथ कर्मचारियों को काम करते हुए देखा जा रहा है। बताया गया कि जब तक नए निर्देश नहीं मिलते हैं और नियम को नहीं बदला जाता है, सामान्य रिक्शे से ही काम को किया जाएगा, भले ही परेशानी क्यों न हो।