
नईदिल्ली, २८ जुलाई [एजेंसी]।
आज संसद के मानसून सत्र का सातवां दिन है। अब तक के छह दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध के बीच बीते। मणिपुर हिंसा और विवादित वायरल वीडियो पर विपक्षी दल प्रधानमंत्री मोदी से बयान की मांग कर रहे हैं। यही वजह है कि गुरुवार को भी सारा दिन दोनों सदनों में मणिपुर मुद्दा और लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कराने को लेकर सरकार और विपक्षी सांसदों के बीच हंगामा होता रहा। उच्च सदन में तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इसके बाद राज्यसभा को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष शांतिपूर्ण ढंग से चर्चा में भाग नहीं लेते और संसद में किसी भी विधेयक को पारित करने में सहयोग नहीं करते। हम उनसे रचनात्मक सुझाव लेने को तैयार हैं, लेकिन वे अचानक अविश्वास प्रस्ताव ले आए। जब भी जरूरत होगी, हम अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और चूंकि हमारे पास संख्या है, इसलिए हमें कोई समस्या नहीं है। अगर वे चाहते हैं कि मणिपुर के संबंध में सच्चाई सामने आए, तो संसद से बेहतर कोई मंच नहीं है।
विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इससे पहले कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। राज्यसभा सांसद मनोज झा, राघव चड्ढा, रंजीत रंजन, सैयद नसीर हुसैन, जेबी माथेर, डॉ. वी शिवदासन और संदीप पाठक ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। कांग्रेस नेता मनिकम टैगोर ने कहा कि हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री मणिपुर का दौरा करें। जो वह नहीं कर रहे हैं। ढ्ढ.हृ.ष्ठ.ढ्ढ.्र. ब्लॉक ने हमारी बैठक में निर्णय लिया है कि मणिपुर के लिए एक सांसद प्रतिनिधिमंडल होगा। कल सांसदों का प्रतिनिधिमंडल रवाना होगा। आज शाम को उन नेताओं के नाम जारी किए जाएंगे।
इस प्रतिनिधिमंडल का मकसद मणिपुर के लोगों का दर्द समझना है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि नियम 198 के तहत हमारे पास अविश्वास प्रस्ताव है। इस नियम के अनुसार चर्चा मणिपुर के संबंध में तुरंत होनी चाहिए। सरकार नहीं चाहती कि सदन के अध्यक्ष उनसे सवाल पूछें। वे मुद्दों से बचने के लिए बहाने दे रहे हैं। संसद में मणिपुर मामले को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग को लेकर गठबंधन के सांसदों ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इससे पहले रणनीति पर चर्चा करने के लिए संसद में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष कक्ष में समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई। आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार किए जाने के बाद संसद में कोई विधेयक पेश नहीं किए जाते हैं, लेकिन हम देख रहे हैं कि कई विधेयक संसद में पेश और पारित किए जाते हैं। मैं अध्यक्ष से अपील करता हूं कि अब लोकसभा में कोई विधायी कार्य नहीं होना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि I.N.D.I.ý ब्लॉक का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर के लोगों को समर्थन प्रदान करने और उनके साथ एकजुटता दिखाने की आशा के साथ मणिपुर का दौरा करेगा। मणिपुर वायरल वीडियो मामले को 85 दिनों के बाद सीबीआई को सौंपने के लिए अब बहुत देर हो चुकी है।