काशीपुर, १९ जुलाई ।
काशीपुर में सीएम के डीप फेक वीडियो का मामला पूरे प्रदेश में सुर्खियों में बना है। इस मामले को लेकर भले ही लोग अलग-अलग राय व्यक्त कर रहे हों लेकिन सच्चाई यह है कि इस तरह की कारस्तानी समाज के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। काशीपुर में सीएम पुष्कर धामी के डीप फेक वीडियो बनाए जाने से जहां सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ी हुई हैं, वहीं इस मामले में आरोपित युवक पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर इंटरनेट मीडिया में इसके पक्ष और विपक्ष में पोस्ट की होड़ शुरू हो गई है।कहा यह भी जा रहा है कि इस तरह के वीडियो का इस्तेमाल यदि भविष्य में बढ़ता चो गया तो इसके खतरनाक परिणाम सामने आ सकते हैं। पिछले साल ही केंद्र सरकार की ओर से डीप फेक वीडियो को लेकर एडवाइजरी जारी की गई थी। विभिन्न राज्यों में पिछले कुछ माह में ही इसके तहत दर्जनों मामले दर्ज किए जा चुके हैं। डीप फेक वीडियो से अबसंवैधानिक पदों पर आसीन राजनेताओं की छवि धूमिल करने के प्रयास भी होने लगे हैं। उत्तराखंड में भी सीएम का ऐसा ही डीप फेक वीडियो बनाया जा चुका है।
अब इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी के तहत ही कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। काशीपुर में दो दिन पूर्व एक अस्पताल के एमडी ने एक युवक के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बारे में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर सौंपी है। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद आरोपित युवक आयुष रावत को पूछताछ के लिए बुलाया था। अब पूरे मामले में आरोपित युवक की ओर से इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर खुद को पुलिस के धमकाने और मारपीट करने का आरोप लगाया जा रहा है। इसे लेकर अब सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बहस शुरू हो गई है।