
बलरामपुर। उत्तर छत्तीसगढ़ में मानसून रूठ गया है। कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पखवाड़े भर से वर्षा ही नहीं हुई है वहीं उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे वाड्रफनगर क्षेत्र में 22 दिन से वर्षा नहीं होने के कारण धान की नर्सरी सूखने लगी है। वर्षा के कारण धान की खेती पिछड़ चुकी है।किसानों को झमाझम वर्षा की प्रतीक्षा है। सरगुजा के साथ बलरामपुर और सूरजपुर जिले में भी स्थिति एक जैसी ही है। सरगुजा में गत वर्ष की तुलना में 66 फीसद कम वर्षा हुई है। सूखे की स्थिति को लेकर सरगुजा जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है। कलेक्टर कुंदन कुमार के निर्देश पर राजस्व कृषि विभाग के अधिकारियों की बैठक में इसको लेकर मंथन हुआ और जमीनी आकलन करने निर्देशित किया गया है।
सरगुज़ा कलेक्टर कुंदन कुमार के निर्देशन में बुधवार को कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिले में वर्षा की स्थिति के दृष्टिगत कृषि एवं फसल लेने की तैयारी के संबंध में आवश्यक बैठक आयोजित की गई। जिले में अब तक हुई वर्षा की स्थिति पर कलेक्टर ने कृषि की कार्ययोजना तैयार करने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया है। कलेक्टर के मार्गदर्शन में सीईओ जिला पंचायत नूतन कुमार कंवर और अपर कलेक्टर एएल ध्रुव ने विभागों से जानकारी ली। बैठक में समस्त राजस्व अधिकारियों और कृषि विभाग के अधिकारियों को गांव गांव जाकर फील्ड निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए। वर्षा की स्थिति के मद्देनजर किसानों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर दलहन तिलहन की फसल लेने और बीज की आवश्यकता पर चर्चा किए जाने भी निर्देशित किया गया है।अंबिकापुर, दरिमा और लुंड्रा तहसील में बीते वर्ष की तुलना में कम वर्षा की स्थिति है। बैठक में तुलनात्मक निरीक्षण करते हुए धान का रकबा, बोनी और रोपाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। इसके आधार में अगली कार्ययोजना तैयार की जा सके। बैठक में कृषि एवं बीज निगम के अधिकारियों को दलहन तिलहन की फसलों हेतु किसानों की मांग के आधार पर बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। बैठक में विभागों द्वारा बताया गया कि किसानों द्वारा रागी, कोदो, उड़द, अरहर सहित रामतिल और कुलथी की मांग की जा रही है। इसके साथ ही मनरेगा के तहत कार्यों के प्रस्ताव भेजने समस्त सीईओ जनपद पंचायत को कहा गया है। भू-अभिलेख शाखा के अनुसार सरगुज़ा के सभी तहसीलों में 24 घंटे के दौरान 1.1मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। इस दौरान सर्वाधिक 4.1 मिमी औसत वर्षा अंबिकापुर तहसील में दर्ज की गई है। इसे मिलाकर पूरे जिले में जून से अब तक 137 मिमी औसत वर्षा दजऱ् की गई है। बताया गया कि जून से 18 जुलाई तक तहसील अंबिकापुर में 106.6 मिमी, तहसील दरिमा में 90.4 मिमी, तहसील लुंड्रा में 96.0 मिमी, तहसील सीतापुर में 255.9 मिमी, तहसील लखनपुर में 123.9 मिमी,तहसील उदयपुर में 118.5 मिमी, तहसील बतौली में 117.6 मिमी एवं तहसील मैनपाट में 187.6 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज गई है। कार्यपालन अभियंता जलसंसाधन संभाग द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार सरगुज़ा जिले में दो मध्यम एवं 160 लघु परियोजनाएं हैं जिसकी सिंचाई क्षमता 63 हजार 632 हेक्टेयर है। वर्ष 2022 में जलभराव का प्रतिशत 20 फीसद दर्ज किया गया है,वहीं वर्ष 2023 में जलभराव का प्रतिशत 27 फीसद दर्ज किया गया है। वर्ष 2023 में खरीफ सिंचाई का लक्ष्य 22 हजार 713 हेक्टेयर है। कृषकों को जल प्रदाय शुरू कर दिया गया है। बलरामपुर जिले के उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती विकासखंड वाड्रफनगर में 22 दिनों से वर्षा नहीं हुई है। पखवाड़े भर पूर्व जिन किसानों ने धान की नर्सरी लगाई थी, उसमें अब दरारें पडऩे लगी हैं। क्षेत्र के किसान काफी चिंतित हो गए हैं।किसानों को अच्छी मूसलाधार वर्षा की प्रतीक्षा है। बलरामपुर जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में इंद्रदेव को मनाने पूजा-पाठ व टोटका का दौर भी शुरू हो गया है। परंपरा अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीण एकजुट होकर पूजा अर्चना कर रहे हैं ताकि वर्षा हो।बलरामपुर जिले के सोनारा गांव में दो दिन पूर्व ग्रामीणों ने इंद्र की पूजा की है।