होटल व्यवसायी को सुनाई गई कारावास की सजा
कोरबा। ऋण अदायगी के लिए एक होटल व्यवसायी द्वारा दिया गया चेक बाउंस हो गया, जिस पर अदालत ने फैसला देते हुए आरोपी को एक वर्ष की कारावास तथा अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
मिली जानकारी के अनुसार मोहिनभाठा कटघोरा निवासी गुरूचरण सिंह पिता जनरेंल सिंह भामंरा ने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की कटघोरा शाखा से 11 जनवरी 2012 को होटल व्यवसाय के लिए 1 लाख रूपये ऋण लिया था, जिसकी अदायगी निम्नानुसार नहीं किये जाने के कारण उसका ऋण खाता 3 जून 2018 से नॉन परफार्मेंस एसेंट (एन.पी.ए.) की श्रेण में आ गया। बावजूद इसके आरोपी गुरूचरण सिंह द्वारा अपने ऋण खाते मेंं राशि जमा किये जाने हेतु सेविंग बैंक खाता क्र.77003718289 का चेक क्र. 266101 रकम 1,13,711 रूपये दिनांक 03.05.2019 का प्रदान किया। आरोपी द्वारा प्रदत्त चेक में वर्णित रकम का आहरण करने के लिए बैंक ने जब चेक जमा किया तो उसके खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं था। फलस्वप चेक अनादरित (बाउंस) होकर वापस हो गया। जिसकी विधिक सूचना बैंक द्वारा अधिवक्ता के जरिए गुरूचरण सिंह को दी गई तथा 15 दिवस के भीतर राशि का भुगतान करने को कहा गया। मगर वह भुगतान करने में विफल रहा। जिस पर छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक की कटघोरा शाखा के प्रबंधक द्वारा अधिवक्ता धनेस सिंह के माध्यम से आरोपी से ऋण की राशि वसूलने तथा विधि अनुसार उसे दण्डित करने के लिए न्याययीक मजिस्टे्रट प्रथम श्रेणी कटघोरा की अदालत में वाद दायर कर दिया। मामले की सुनवाई पूरी करते हुए कटघोरा अदालत के न्यायाधीश पंकज दीक्षित ने अपना फैसला सुनाया जिसमें उन्होंने आरोपी गुरूचरण सिंह को मामले का दोषी मानते हुए एक वर्ष साधारण कारावास तथा 2 लाख रूपये प्रतिकर के रूप में प्ररिवादित बैंक को देने संबंधी सजा सुनाई। साथ ही यह भी कहा कि आरोपी द्वारा प्रतिकर की राशि एक माह में अदा नहीं करने पर उसे 2 माह का कारवास अलग से भुगतना पड़ेगा।