जांजगीर-चांपा। जमीन के कागजात का प्रमुख आधार ऋण पुस्तिका का जिले में काफी लंबे समय से शार्टेज चल रहा है। इसके चलते भूमि स्वामियों का ऋण पुस्तिका नहीं बन पा रहा है। इसके चलते भूमि स्वामी पटवारियों के चक्कर काटने मजबूर हैं। कई लोगों का कहना है कि बीते चार महीने से इस तरह की दिक्कतें जिले में बरकरार है, लेकिन इसकी मॉनिटरिंग नहीं होने से भूमि स्वामियों को पटवारियों को चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जमीन के दस्तवाजों में प्रमुख रूप से पहचान शाबित करने वाला ऋण पुस्तिका का जिले में कई महीनों से सप्लाई नहीं हो रही है। इसके चलते पटवारी अच्छे खासे परेशान नजर आ रहे हैं। पटवारियों व किसानों की माने तो इस तरह की दिक्कतें काफी लंबे असे से है, लेकिन इसकी डिमांड होने के बाद भी आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इसके चलते जो किसान नए जमीन की रजिस्ट्री कराए हैं उन्हें पटवारियों द्वारा ऋण-पुस्तिका नहीं दी जा रही है। पटवारियों का कहना है कि स्टॉक में ऋण पुस्तिका ही नहीं है। इसके चलते भूमि स्वामियों को यह सुविधा नहीं दे पा रहे हैं। जिन किसानों ने हाल ही में जमीन की खरीदी की है वे अपने कागजात तो अपडेट करा चुके, लेकिन उन्हें चार महीने से ऋण पुस्तिका नहीं मिल पाई है।
इस तरह हो रही दिक्कत
अधिवक्ता अनुराग तिवारी ने बताया कि वह अपने एक क्लाइंट के जमीन की रजिस्ट्री चार महीना पहले कराई थी। उक्त किसान के कागजात चार महीना पहले अपडेट तो हो गया लेकिन उक्त किसान को अब तक ऋण पुस्तिका उपलब्ध नहीं करा पाया है। अधिवक्ता का कहना है कि वह पटवारी के पास जाते हैं लेकिन पटवारी का कहना है कि स्टॉक में ऋण पुस्तिका नहीं होने से जरूरतमंदों का ऋण पुस्तिका नहीं बन पा रहा है।
राजस्व कर्मचारियों के स्टॉक में ऋण पुस्तिका का शार्टेज है इसकी जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो हम तत्काल इसकी उपलब्धता पर सार्थक पहल करेंगे ताकि किसी को परेशानी न हो।
किसान किताब
ममता यादव, एसडीएम, जांजगीर