जांजगीर चांपा। जिला मुख्यालय के हाईस्कूल मैदान में लगे पटाखों दुकानों में शासन द्वारा निर्धारित गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। गाइडलाइन के अनुसार सभी दुकानों में 200 लीटर क्षमता के पानी के ड्रम की व्यवस्था बाल्टियों के साथ करना है मगर एक भी दुकान में यह व्यवस्था नहीं की गई है। टीन शेड के बजाय बांस बल्ली और कपड़े से निर्मित टेंट में पटाखा दुकान लगाए गए हैं।
वहीं सुरक्षा के नाम पर नगर पालिका के द्वारा यहां केवल एक पानी टैंकर को खड़ी कर दिया गया है। इसके अलावा प्रत्येक पटाखा दुकानों में पांच किलो ग्राम क्षमता का डीसीपी अग्निशमक यंत्र होना चाहिए मगर वह भी नहीं है। अग्निशमन विभाग एवं एम्बुलेंस का फोन नंबर दुकान परिसर में लगाया जाना ताकि है ताकि किसी प्रकार की अनहोनी होने पर तुरंत संपर्क किया जा सके। मगर नंबर भी अंकित नहीं किया गया है। जबकि दो साल पहले मैदान में लगे एक पटाखा दुकान में आगजनी की घटना हुई थी ।
दिवाली के दौरान लगने वाली पटाखा दुकानों के लिए जिला सेनानी, नगर सेना, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं ने नियम जारी किया है। जिसके तहत लोहे के पाईप या एंगल के सहारे टिन शेड बनाकर ही पटाखा दुकानें लगाया जाना था मगर गाइडलाइन को दरकिनार कर इस बार कपड़े और बांस बल्ली के टेंट में दुकान लगाया गया है शहर के हाईस्कूल मैदान में अस्थायी पटाखा दुकान लगाई गई है।
साथ ही कई व्यापारियों ने दुकान लगाने के लिए दूसरे से लाइसेंस उधार लिए थे, लेकिन इस बार नई गाइडलाइन के चलते 53 पटाखा व्यापारियों ने अस्थायी दुकान लगाने की अनुमति प्राप्त की है। धनतेरस से दो दिन पहले ही हाईस्कूल मैदान में पटाखा दुकानें लग गई है। इस बार भी नगरपालिका द्वारा अस्थायी पटाखा बाजार में सफाई, पेयजल, शौचालय जैसी सुविधाओं के लिए शुल्क सभी दुकानदारों से लिया गया है। अस्थायी पटाखा व्यापारी संघ द्वारा प्रत्येक दुकान से व्यवस्था के लिए 8500 रुपये लिए गए हैं। इस बार 53 पटाखा दुकानें ही लगी हैं।
पानी ड्रम और अग्निशमक यंत्र नहीं
हाईस्कूल मैदान में लगे पटाखों दुकानों में शासन द्वारा गाइड लाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। गाइडलाइन के अनुसार सभी दुकानों में 200 लीटर क्षमता के पानी के ड्रम की व्यवस्था बाल्टियों के साथ करना है मगर एक भी दुकान में यह व्यवस्था नहीं की गई है। सुरक्षा के नाम पर नगर पालिका के द्वारा यहां केवल एक पानी टैंकर को खड़ी कर दिया गया है। इसके अलावा प्रत्येक पटाखा दुकानों में पांच किलो ग्राम क्षमता का डीसीपी अग्निशमक यंत्र होना चाहिए मगर वह भी नहीं है। अग्निशमन विभाग एवं एम्बुलेंस का फोन नंबर दुकान परिसर में लगाया जाना ताकि है ताकि किसी प्रकार की अनहोनी होने पर तुरंत संपर्क किया जा सके। मगर नंबर भी अंकित नहीं किया गया है।