
वाड्रफनगर। बारिश के सीजन में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ गई हैं। इंसानों के साथ ही पालतू जानवरों को भी विषैले सर्प डंस रहे हैं।यदि समय रहते अस्पताल पहुंचा जाए तो प्राणरक्षा हो सकती है।ऐसे ही एक मामले में वाड्रफनगर पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्सक डा विकास यादव ने सर्पदंश पीडि़त दो बकरियों की प्राणरक्षा की। दोनों बकरियां गर्भ से थी। उनकी जान बच जाने से पशुपालक को बड़ी राहत मिली है। पशु चिकित्सक ने उसे बड़े आर्थिक नुकसान से बचा लिया है। वाड्रफनगर से लगे ग्राम रजखेता निवासी बकरी पालक श्री अनिल कुमार मरकाम ने अपनी दो बकरी को एक साथ बांध कर रखा था। उसी दौरान दोनों को विषैले सर्प ने काट लिया। इससे दोनों की तबीयत बिगडऩे लगी।सांप काटने की पुष्टि होने पर वह अपनी दोनों बकरियों को लेकर सीधे वाड्रफनगर पशु चिकित्सालय पहुंचा। यहां शल्य क्रिया व विकिरण विशेषज्ञ डा देवेंद्र यादव को बकरियों को सांप काटने की जानकारी दी। सांप काटने के आधा घण्टे उपरांत दोनो बकरी बेहोश होने लगे थे।चिकित्सकीय जांच में पता चला कि जीभ के पास सांप ने काटा था। इसके निशान भी थे। दोनों आंखो में बहुत सूजन हो गया था। जीभ मोटी हो गई थी। पशु चिकित्सक ने बिना देरी किए तत्काल दोनों बकरियों को आपातकालीन दवाएं देनी शुरू की। दोनों को एन्टी स्नेक वेनम देना शुरू किया गया। तीन घण्टे बाद दोनों की हालत में सुधार होना शुरू हो गया। बाद में दोनों बकरियां होश में भी आ गई थी।बकरियों को स्वस्थ होता देख मवेशी मालिक को वापस कर दिया गया था। घर में विशेष देखभाल करने के निर्देश दिए गए थे यह भी समझाया गया था कि यदि स्वास्थ्य में फिर गड़बड़ी नजर आए तो तत्काल अस्पताल लेकर आए। पशु चिकित्सक डॉक्टर देवेंद्र यादव ने बताया कि दोनों बकरियां अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन आजीविका संवर्धन का बड़ा माध्यम है।ऐसे में एक साथ दो बकरियों की प्राण रक्षा से ग्रामीण को आर्थिक नुकसान से भी बचाया गया है। बता दें कि डॉ देवेंद्र यादव की पदस्थापना हाल में ही वाड्रफनगर पशु चिकित्सालय में हुई है। वे लगातार पशु -पक्षियों के साथ पालतू मवेशियों का उपचार और ऑपरेशन कर रहे हैं। मवेशी मालिक बीएफ किसी भी प्रकार की समस्या होने पर सीधे उनसे संपर्क कर रहे हैं।