
ओडग़ी। सूरजपुर जिले के ओडग़ी विकासखंड अंतर्गत ग्राम खोंड के छात्रावास में निवासरत आदिवासी बालिका के सिर में घाव का उपचार नहीं होने से कीड़े पड़ जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। घटना का विरोध और दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सहायक आयुक्त का घेराव करने के बाद सहायक आयुक्त द्वारा 12 लोगों के विरुद्ध एफआइआर से माहौल गरमा गया है। इसमें ग्रामीणों के साथ घटना की कवरेज करने गए मीडियाकर्मियों का नाम भी शामिल हैं। खोंड के छात्रावास में बालिका के सिर में कीड़े पड़ जाने की शिकायत उच्चाधिकारियों से भी की गई थी लेकिन किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई। कलेक्टर के निर्देश पर जब सहायक आयुक्त विश्वनाथ रेड्डी जांच के लिए पहुंचे तो ग्रामीणों ने कार्रवाई की मांग शुरू कर दिया था। उन्हें काफी देर तक रोक कर रखा गया था। पुलिस बल व एसडीएम के पहुंचने के बाद सहायक आयुक्त को वहां से निकाला गया था। अब इस मामले में जिम्मेदार विभागीय कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई तो नहीं हुई उल्टे सहायक आयुक्त ने ग्रामीणों व मीडियाकर्मियों के विरुद्ध गंभीर धाराओं के तहत एफआइआर पंजीकृत करा दिया। इससे ग्रामीणों व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों में नाराजगी है। ग्रामीणों का आरोप है कि आदिवासी विकास विभाग में भ्रष्टाचार का खामियाजा आदिवासी बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।देखरेख के अभाव में उनके सिर के घाव ऐसे हो जा रहे हैं कि उन पर कीड़े लग जा रहे हैं लेकिन जिम्मेदारों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो रही है भ्रष्टाचार का यह सारा खेल सहायक आयुक्त, अधीक्षक व मंडल संयोजक की मिलीभगत से यह गड़बड़ी की जा रही है। जिस छात्रावास में लगभग तीन से चार साल से पदस्थ एक शिक्षिका पढा रही थी उसी को अधीक्षिका बनाया गया इससे स्पष्ट है कि सब कुछ मिलीभगत से चल रहा है। कुछ महीनों पूर्व एकलव्य आवासीय विद्यालय ओडग़ी में भी बड़ी लापरवाही सामने आई थी। यहां रहने वाले छात्रों में से तीन एकाएक बेहोश होकर गिर गए थे। इसके बावजूद यह बोला गया कि बच्चे सब सही है उनको कुछ नहीं हुआ था। वह एकाएक गिर गए थे। जनपद उपाध्यक्ष शिवबलक यादव ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हम लगातार पीछे हो रहे है। आदिवासी विकास विभाग में भ्रष्टाचार का बोलबाला है मंडल संयोजक की कार्यप्रणाली भी विवादित है। मैं खोंड सहित अन्य जगहों का जनप्रतिनिधि होने के नाते भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध खड़ा रहूंगा व ऐसे भ्रष्टाचारी कर्मचारी- आधिकारी पर कठोर कार्रवाई की मांग शासन प्रशासन से करता हूं। ग्रामीण ओवर मीडिया कर्मियों पर एफआइआर कराना निंदनीय है। भाजपा मंडल अध्यक्ष राजेश तिवारी ने कहा कि इस मामले में कोई भी जि़म्मेदार अधिकारी या प्रशासनिक अधिकारी गंभीर नहीं है। मामले में कर्मचारी ,अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त है। सब बचाना चाहते हैं। भोजन भी मेन्यू के अनुसार नही दिया जा रहा है। बच्चों के साथ नाइंसाफी हो रहा हैं जो असहनीय है।चाहे वह मामला खोंड़ का हो या ब्लॉक मुख्यालय का । परिजन विश्वास के साथ अपने बच्चों को हॉस्टल में भेजते है लेकिन अधिकतम हॉस्टलों में उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है ,काम कराया जाता है। पानी भराया जाता है। शौचालय साफ कराया जाता है।