कोरबा। एसईसीएल का कोयला उत्पादन चालू वित्तीय वर्ष में 50 मिलियन टन के करीब पहुंच चुका है। एसईसीएल को 206 मिलियन टन सालाना लक्ष्य मिला है।एसईसीएल का अब तक का उत्पादन 47.85 मिलियन टन हो चुका है और 50 एमटी खनन के करीब है।
दूसरी तिमाही के जुलाई माह के दूसरे पखवाड़े में 5 से 6 दिनों के भीतर एसईसीएल 50 मिलियन टन के कोयला उत्पादन को पार कर लेगा। मगर सबसे अधिक चिंता का कारण रोजाना का एसईसीएल को लक्ष्य हासिल करना है, जो 4 लाख 51 हजार टन है। मंगलवार को भी रोजाना का कोयला उत्पादन 4 लाख 14 हजार टन रहा। मानसून में खुली खदान गेवरा, कुसमुंडा व दीपका से कोयला उत्पादन बेहतर माइन प्लानिंग से करना होगा। रोजाना के लक्ष्य को हासिल करने में तीनों खदानों की बेहतर भागीदारी से संभव हो पाएगा।यही कारण है कि एसईसीएल मुख्यालय के निदेशक तकनीकी कापरी गेवरा पहुंचे और कोल कंपनी के माइंस में उतरकर खनन फेस तक गए थे। सीएमडी भी लगातार दौरा कर रहे हैं। अफसर बताते हैं कि बारिश के कारण कोल कंपनी का निगेटिव ग्रोथ 5 फीसदी है। जिसे मानसून की विदाई के बाद बारिश थमने पर उत्पादन में वृद्धि कर लेंगे और अभी जो कोयला उत्पादन में प्रभाव पड़ा है उसकी भरपाई कर लेंगे। तीन खुली खदानों के आसपास गांवों की जमीन अधिग्रहण से भविष्य में नए खनन फेस खुलेंगे। जिसे चालू वित्तीय वर्ष में भी फेस से खनन शुरू करने की है। इससे उत्पादन बढऩे पर 206 मिलियन टन के कोयला उत्पादन को हासिल करने में सहायक बनेगी।