
xकोरबा। रेवेन्यू शेवरिंग व एमडीओ मोड से संचालित कोयला खदानों की संख्या बढ़ेगी। इस आउटसोर्सिंग मॉडल से कोल इंडिया की सहयोगी कंपनियों की उन बंद माइंस को निजी कंपनियों को सौंपेंगे, जिसे घाटे के कारण या अन्य वजह से आगे कोयला खनन को लेकर पर्यावरण क्लीयरेंस की अनुमति नहीं ली है। एसईसीएल की चार कोयला खदान को भी आउटसोर्सिंग मॉडल से संचालन में शामिल किया है। इधर, कैप्टिव व कमर्शियल माईनिंग से नार कोल ब्लॉक आवंटित किए जाएगे। कोयला खनन में कमर्शियल माइनिंग की शुरुआत से कोल इंडिया का एकाधिकार खत्म हुआ तो बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों ने भी कोयला खनन करने कोल ब्लॉक लेने में रुचि दिखाई।
मगर इस बीच पर्यावरण क्लीयरेंस बाधा में कई कंपनियों ने आवंटित कोल ब्लॉक को लौटाने का भी मामला सामने आया। हालांकि वित्तीय वर्ष 2023 के दौरान कैप्टिव व वाणिज्यिक माइंस का सामूहिक कोयला उत्पादन 10 करोड़ टन को पार कर गया है। इसे अगले दो साल में 20 करोड़ टन कोयला उत्पादन पर ध्यान केन्द्रित किया है। इन सबके बीच आउटसोर्सिंग मॉडल से कोयला उद्योग में निजीकरण का नया दौर शुरू हुआ। रेवेन्यू शेयरिंग व एमडीओ मोड से कोल इंडिया की सहयोगी कोयला कंपनियों की खदा?नें निजी हाथों में दी गई। अब इस मोड से संचालित कोयला खदानों की संख्या बढ़ेगी। जानकारी के अनुसार कोल माइनिंग की सबसे बड़ी कंपनी कोल इंडिया ने 34 माइंस की पहचान की थी, जिनमें बेहतर क्वालिटी का कोयला होने से विभिन्न उद्योगों में मांग भी है और पर्यावरण क्लीयरेंस की अनुमति नहीं मिलने या अन्य वजह से कोयले का खनन नहीं हो पा रहा है।
इनमें से 23 खदानें निजी हाथों में देकर कोयले का खनन होगा। इसमें एसईसीएल की चार कोल माइंस भी शामिल होने की जानकारी सामने आई है। हालांकि इस संबंध में चर्चा करने पर एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. सनीष चंद्र ने सूची का अवलोकन करने के बाद ही कुछ कह पाने की बात कही।
20 से 25 साल के लिए खनन का अधिकार दे रहे
कोल इंडिया की सहयोगी कंपनियों की अघोषित रूप से बंद पड़ी खदानों को 20 से 25 साल के लिए निजी कंपनियों को खनन का अधिकार दिया जा रहा है। ताकि कोयले को बाहर निकाला जा सके। दूसरी ओर नियमित कर्मचारियों के रिटायर होने से संख्या घटी है। एमडीओ मोड से संचालित खदानों में निजी कंपनी को कोयला खनन कर देना होता है, इसमें बिक्री का अधिकार नहीं होता है। जबकि रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल में लाभांश की हिस्सेदारी तय कर दी जाती है।