सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले का भैंसामुड़ा गांव भारतीय खगोल विज्ञान के लिए बेहद महत्वपूर्ण स्थल है।भैंसामुड़ा गांव,अंबिकापुर शहर से लगभग 60 किलोमीटर दूर बनारस मार्ग पर स्थित है।यहां एसएमआइ यानी भारतीय मानक समयरेखा (स्टैंडर्ड मेरिडियन आफ इंडिया) और कर्क रेखा एक-दूसरे को काटती हैं। इसी मिलन बिंदु के पास अब खगोल उद्यान (एस्ट्रोपार्क) का निर्माण किया जाएगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने इसके लिए बजट में दो करोड़ रुपये का प्रविधान भी कर दिया है। वहीं मिलन बिंदु के आसपास जमीन तलाशने का काम अंतिम चरण में है।
दिल्ली से अधिकारियों की एक टीम ने इसके लिए क्षेत्र का दौरा किया है। एस्ट्रोपार्क ब्रह्मांड का एक स्केल माडल होता है। यह एक सुंदर प्राकृतिक सेटिंग में बनाया जाता है। इस पार्क में घूमने पर सौरमंडल, ब्रह्मांड, और कई चीजों के स्केल माडल के साथ सौरमंडल को लेकर जानकारी मिलती है। यहां विषय विशेषज्ञ शोध भी कर सकेंगे।छत्तीसगढ़ के सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग ने एस्ट्रो पार्क को लेकर प्रक्रिया शुरू की है। उत्तर छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के भैसामुंडा के अलावा बलरामपुर जिले के पस्ता व राजपुर के पास तथा राजपुर व शंकरगढ के बीच से होकर कर्क रेखा गुजरी है। इन तीनों स्थानों पर प्रशासन ने सूचना संकेतक बोर्ड भी लगवाया है। प्रतापपुर ब्लाक में बनने वाला एस्ट्रो पार्क छत्तीसगढ़ का पहला पार्क होगा। देश के कई शहरों में इसका निर्माण किया गया है। जयपुर,हल्द्वानी का एस्ट्रो पार्क देश में चर्चित है। एस्ट्रो पार्क से खगोल विज्ञान के अध्ययन में मदद मिलेगी। पार्क में नक्षत्र और नवग्रह से जुड़े अध्ययन हो सकेंगे। एस्ट्रो पार्क में ब्रह्मांड में चलने वाली हर तरह की गतिविधियों का प्रदर्शन हो सकेगा,इससे इस स्थल को प्रसिद्धि मिलेगी।देश-दुनिया के लोग आएंगे तो रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। छात्र-छात्राएं, शोधार्थी और विज्ञानी भी समय-समय पर यहां अध्ययन व शोध के लिए आएंगे।पहुचेंगे। पार्क में खगोल विज्ञानियों के स्थायी रूप से रहने की संभावना हैं। एस्ट्रो पार्क में पेड़ों की संख्या, लोकेशन ग्रह-नक्षत्रों के हिसाब से डिजाइन की जाती है।इसलिए पेड़ पौधों के अलावा नौ ग्रहों के माडल भी तैयार किए जाते हैं। जानकारों की मानें तो नवग्रह और नक्षत्र जीवन में सहायता करते हैं इसलिए इसका असर जीवन पर अच्छा खासा होता है। कम्प्यूटर के माध्यम से यहां आने वाले लोगों को ग्रहों की लाइव लोकेशन भी दिखाई जाती है।अत्याधुनिक एस्ट्रो पार्क में सौरमंडल की जानकारी देने के लिए चलित तारामंडल का निर्माण किया जाता है। हालांकि यहां प्रस्तावित एस्ट्रो पार्क की संपूर्ण गतिविधियों की जानकारी स्थानीय अधिकारियों को नहीं है।