अकलतरा। नगर के जानकीलाल लिखमानिया धर्मशाला में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह आयोजित है। कथा के दूसरे दिन व्यास पीठ पर विराजमान वृंदावन धाम से आए हुए कथावाचक पंडित अवनीश तिवारी ने कहा कि किसी भी स्थान पर बिना निमंत्रण के जाने से पहले इस बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि जहां आप जा रहे हैं आपके मित्र या गुरुओं का अपमान ना हो, यदि इस बात की आशंका हो तो उसे स्थान पर नहीं जाना चाहिए।
चाहे वह स्थान अपने जन्मदाता पिता का ही घर क्यों ना हो, कुंती स्तुति का महत्व बताते हुए आचार्य सिद्धांत जी महाराज ने कहा कि माता कुंती ने निस्वार्थ भाव से भगवान कृष्ण की सेवा की, लेकिन भगवान से कुछ नहीं मांगा। जीवन का लक्ष्य परिवार की एकता और प्रेम होना चाहिए। वह नहीं होगा तो परिवार आगे नहीं बढऩे के साथ-साथ परिवार का विकास अवरुद्ध हो जाएगा, जिस परिवार में एकता एवं प्रेम होता है। वहां सदैव लक्ष्मी का वास होने के साथ परिवार सदैव ख्याति को प्राप्त करता है।
ध्रुव चरित्र कथा का वर्णन करते हुए आचार्य सिद्धांत महाराज ने कहा कि ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने के बाद भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नहीं खोया, जिससे परिवार में एक बहुत बड़ा संकट टल गया। भक्त प्रहलाद की कथा सुनाते हुए व्यास जी ने कहा कि पिता अगर कुमार्ग पर चले तो पुत्र का कर्तव्य है। उसे सही मार्ग पर लगे विपरीत परिस्थितियों के बावजूद प्रह्लाद ने भक्ति का मार्ग नहीं छोड़ा।
भगवान ने नरसिंह रूप में अवतार लेकर हिरण कश्यप का वध कर अपने परमधाम को पहुंचा। कार्यक्रम में नारायण चंदेल, रवि पांडेय, नरेंद्र साहू, रोहिय सारथी, शिव शर्मा, मनोज मिश्रा, विवेका गोपाल, प्रभात बगडिय़ा विजय केडिया, राजकुमार खंडेलिया, राजकुमार गुप्ता, राजू राठी, प्रशांत शर्मा , विष्णु भोजासिया, आशीष खंडेलिया, लखन लाल सिंघानिया, डॉ ओम प्रकाश सिंघानिया, रमेश सिंघानिया व नगर वासी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।