
खंडवा। रोहणी नक्षत्र में गर्मी कहर ढ़हा रही है। तीर्थनगरी में तापमान 45 से 46 डिग्री पहुंचने के बावजूद दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ रही है। ग्रीष्मकालीन अवकाश की वजह से देशभर से श्रद्धालु परिवार सहित दर्शनों के लिए आ रहे है। ऐसे में ज्योतिर्लिंग मंदिर परिसर में दर्शन के लिए चार से पांच घंटे कतार में इंतजार भारी पड़ रहा है। भीषण गर्मी में महिला, बच्चों और बुजुर्गो को अधिक परेशानी हो रही है। इसे देखते हुए लोगों द्वारा वीआइपी दर्शन व्यवस्था का समय तय करने की मांग की जा रही है। इसे लेकर रविवार को कतार में खड़े श्रद्धालुओं द्वारा वीआइपी दर्शन व्यवस्था को लेकर नारेबाजी भी की गई। ओंकारेश्वर-ममलेश्वर महादेव के दर्शनार्थ प्रतिदिन 30 से 40 हजार श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। शनिवार और रविवार को यह आंकड़ा 50 हजार के पार हो जाता है। ज्योतिर्लिंग मंदिर की भौगोलिक संरचना की वजह से यहां भीड़ के दौरान सुचारू दर्शन चुनौती बना हुआ है। नर्मदा के तट और दूसरी ओर पहाड़ी होने की वजह से मंदिर का विस्तार नहीं हो पा रहा है। आगामी सिंहस्थ को देखते हुए जिला प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर के गर्भगृह में आसानी से प्रवेश और दर्शन की व्यवस्था के प्रयास किए जा रहे है। इस संबंध में विभिन्न स्तर पर सर्वे करवा कर कार्ययोजना तैयार की गई है। हाऊसिंग बोर्ड द्वारा मंदिर के प्रवेश और निर्गम को चौड़ा करने के लिए तकनीकी रूप से विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है। मंदिर पत्थर का बना होने तथा इसके फाउंडेशन की मजबूती को लेकर संशय की वजह से विस्तार कार्य किसी चुनौती से कम नहीं माना जा रहा है। जिला प्रशासन पूर्व में लेजर तकनीकी सहित अन्य आधुनिक तकनीकों से इसका सर्वे करवा चुका है। उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद ओंकारेश्वर में दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ी है। भविष्य में आदिगुरु शंकराचार्य प्रकल्प का कार्य पूर्ण होने पर भीड़ और बढ़ेंगी। इसके मद्देनजर ओंकारेश्वर मंदिर का विस्तार और मूलभूत सुविधाओं में इजाफा जरूरी हो गया है। वैसे आगामी सिंहस्थ 2028 को देखते हुए प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए करीब 900 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की है।