जाजपुर। ओडिशा के जाजपुर में नकली सोना गिरवी रखकर 42 लाख रुपये से अधिक के ऋण धोखाधड़ी के सिलसिले में एक ग्रामीण बैंक के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। निलंबित अधिकारियों की पहचान ओडिशा ग्राम्य बैंक (ओजीबी) की जराका शाखा के पूर्व प्रबंधक सतब्दी प्रधान और पूर्व सहायक प्रबंधक प्रतिभा मिश्रा के रूप में हुई है। बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि हाल ही में एक संयुक्त नियमित निरीक्षण के दौरान धोखाधड़ी का पता चला, जिसके बाद बैंक अधिकारियों ने दोनों अधिकारियों को निलंबित कर दिया और अपराध के लिए स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता को हटा दिया। बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक दिग बिजय बहादुर दास ने गुरुवार को धर्मशाला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, स्थानीय गांवों के सात लोगों ने नकली सोने के आभूषण गिरवी रखकर बैंक से 42.67 लाख रुपये का ऋण लिया था। पुलिस ने बताया कि सभी ऋणदाता शाखा के स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता को जानते थे, जिन्होंने ऋण की सिफारिश की थी। बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक ने पुलिस को दी गई शिकायत में सात ऋणधारकों, एक पूर्व प्रबंधक, एक पूर्व सहायक प्रबंधक और शाखा के एक पूर्व स्वर्ण मूल्यांकनकर्ता का नाम दर्ज कराया है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। धर्मशाला थाने के प्रभारी निरीक्षक तपन कुमार नायक ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।