
कोरबा। वाणिज्य व्यवसाय का एक अभिन्न अंग है, वाणिज्य को अंग्रेजी में कामर्स कहा जाता है। वाणिज्य एक ऐसी क्रिया अथवा साधन है जिसमे उपभोक्ता तथा उत्पादक दोनों को समीप लाने का कार्य किया जाता हैं सरल शब्दों में कहा जाए तो वाणिज्य एक ऐसा जरिया है जिसके द्वारा उद्योगों से उत्पन्न वस्तु या सेवाओ को आवश्यकता वाले उपभोक्ता तक सबसे पहले पहुँचाया जाता हैवाणिज्य को कला व विज्ञान दोनों ही माना जाता है क्योंकि इसके अंतर्गत वे सभी क्रियाएं आती हैं जो उद्देश्य वितरण में उतपन्न बाधाओं को निरस्त करती हैं। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में वाणिज्य अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है वाणिज्य को व्यवसाय का एक अभिन्न अंग माना जाता है तथा यह उपभोक्ता और उत्पादक को निकट लाने का कार्य करता है इसीलिए आज के युग में वाही देश विकसित अथवा विकासशील माना जाता है जहा पर वाणिज्य उन्नतिशील होता है वाणिज्य द्वारा ही व्यापार को सुचारू रूप से चलाया जा सकता है7 इसका लक्ष्य ही उत्पादों को उपभोक्ताओं तक पहुँचाना होता हैइंडस पब्लिक स्कूल दीपिका के वाणिज्य संख्या के विद्यार्थियों ने शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ ऐसी भी इंडिया लिमिटेड के रीजनल ऑफिस का भ्रमण किया विद्यार्थियों के साथ मुख्य रूप से विद्यालय के वाणिज्य संकाय के वरिष्ठ शिक्षक श्री दीपक मलिक एवं गणित शिक्षिका श्रीमती सुमाना भुनिया थे। इस शैक्षणिक भ्रमण में कक्षा 11वीं एवं 12वीं के वाणिज्य संकाय के विद्यार्थी सम्मिलित हुए।विद्यार्थियों को एसीबी इंडिया लिमिटेड के रीजनल ऑफिस में श्री ललित व्यास (जीएम अकाउंट्स एंड फाइनेंस) के द्वारा बेसिक आफ अकाउंट्स, जनरल एंट्री ,जीएसटी, बेसिक वाउचर एंड परचेज, इनवाइस एवं टीडीएस के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। विद्यार्थियों की प्रत्येक शंकाओं का समाधान श्री ललित व्यास एवं शिक्षक श्री दीपक मलिक ने किया। वाणिज्य संकाय के विद्यार्थियों को न सिर्फ अकाउंट्स ऑफिस का भ्रमण कराया गया अपितुअकाउंट्स ऑफिस की व्यवस्था एवं कार्य करने के ढंग से भी रूबरू कराया गया। श्री ललित व्यास जी ने विद्यार्थियों को वाउचर और परचेज इन वॉइस भी दिखाया और उन्हें समझाने का प्रयास किया कि अकाउंट से संबंधित किसी भी सॉफ्टवेयर में काम कैसे किया जाता है ।विद्यार्थियों को अकाउंट की आधारभूत जानकारी देने का अलावा उनके समक्ष डेमोंसट्रेशन के रूप में बहुत सारी जनरल एंट्री भी करके समझाने का प्रयास किया गया। विद्यार्थियों को अलग-अलग वाउचर्स के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही यह भी बताया गया कि कितने अमाउंट पर कितना जीएसटी काटा जाता है। टीडी एस किस आधार पर काटा जाता है। सभी विद्यार्थी वाणिज्य से संबंधित जानकारियों को बारीकी से समझ कर प्रसन्न चित्त हुए। विद्यार्थियों ने अपने मन में आने वाली अकाउंट से संबंधित सभी शंकाओं का समाधान किया। विद्यार्थियों ने अनुशासित होकर पूरे अकाउंट ऑफिस का भ्रमण किया और वहां की कार्यशैली को बारीकी से समझने का प्रयास किया । विद्यार्थियों की हर शंकाओं का समाधान इंडस पब्लिक स्कूल के वाणिज्य के वरिष्ठ शिक्षक श्री दीपक मलिक ने किया। श्री दीपक मलिक के साथ गणित शिक्षिका श्रीमती सुमाना भूनिया ने भी विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान किया।श्री ललित व्यास( जीएम अकाउंट्स एंड फाइनेंस) ने कहा कि जीवन में प्रत्येक जगह गणित एवं वाणिज्य का उपयोग है। या यूं कहें कि जीवन का कोई भी क्षेत्र फाइनेंस वाणिज्य या गणित से अछूता नहीं है ।हम साधारण साधारण रूप से बाजार भी जाते हैं तो वहां भी हम हिसाब किताब कर सब्जी या कोई आवश्यक सामान लेकर आते हैं। यदि हम घर की पूरी व्यवस्था संभाल रहे हैं तो हममें वाणिज्य का अच्छा ज्ञान होना आवश्यक है। जिससे कि हम फिजूलखर्ची से बचे रह सके। बड़े-बड़े कंपनियों में अकाउंटेंट की नियुक्ति इसी फिजूलखर्ची को नियंत्रण में रखने के लिए और कंपनी को ऊंचाइयों या शीर्ष में पहुंचाने के लिए किया जाता है। अकाउंटेंट्स की आज की स्थिति में प्रत्येक क्षेत्र में बहुत ज्यादा मांग है। इस क्षेत्र में आप अपना भविष्य सुरक्षित रख सकते हैं ।आप पर मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी ।यदि आप अकाउंटेंट हैं तो न सिर्फ आप प्रतिदिन मा लक्ष्मी को स्पर्श करेंगे अपितु मां लक्ष्मी की कृपा वाणिज्य की दृष्टि से या आर्थिक दृष्टि से आप पर बनी रहेगी। क्योंकि इस क्षेत्र में आपको अच्छी-अच्छी कंपनियां अच्छे वेतन पर नियुक्त करती हैं। समझ लीजिए कि अगर आपने वाणिज्य की बारीकी को समझ लिया तो आपका भविष्य सुरक्षित हो गया। आप इस क्षेत्र में आप अपना भविष्य सकते हैं।इंडस पब्लिक स्कूल के वाणिज्य संकाय के वरिष्ठ शिक्षक श्री दीपक मलिक ने कहा कि वाणिज्य कला तथा विज्ञान दोनों ही माना जाता है7वाणिज्य के बिना व्यावसायिक कार्य का होना लगभग असंभव है7वाणिज्य का क्षेत्र व्यापक होता है क्योंकि इसमें व्यपार में सहायक तथा व्यपार से सम्बन्धित क्रियाएं होती हैं।