कानपुर, १८ अक्टूबर ।
हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम छात्रावास में बीटेक तृतीय वर्ष के तीन छात्रों के साथ चतुर्थ वर्ष के छात्रों ने रैगिंग की सीमाएं तोड़ते हुए जानलेवा हमला किया है। पीडि़त छात्रों की ओर से नवाबगंज थाने में बुधवार की देर रात रैगिंग और जानलेवा हमले की एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिसमें एक छात्र का सिर फट जाने और दो अन्य छात्रों के घायल होने की जानकारी है। विश्वविद्यालय के प्राक्टोरियल बोर्ड में भी पीडि़तों ने अपनी शिकायत दी है। दूसरी ओर विश्वविद्यालय प्रशासन इसे छात्रों के बीच का झगड़ा मान रहा है। दूसरे पक्ष को भी प्राक्टोरियल बोर्ड ने तलब किया है। विश्वविद्यालय के प्राक्टर डॉ. अलख कुमार ने कहा कि जांच के बाद हकीकत सामने आएगी, लेकिन जिन छात्रों ने आरोप लगाया है वह बीटेक तृतीय वर्ष के छात्र हैं और हॉस्टल से बाहर रहते हैं।रैगिंग का आरोप लगाने वाले छात्र के अनुसार, उसके दो दोस्त के साथ सीनियर छात्रों ने अपने हॉस्टल में मंगलवार की रात में बर्थ डे पार्टी के लिए बुलाया और मारपीट की है। घटनाक्रम के अनुसार, जब वह लोग अब्दुल कलाम हॉस्टल में गोविंद के कमरे में पहुंचे तो पार्टी छत पर चल रही थी। वहां आधी रात के बाद सीनियर साथियों ने जूनियर को कपड़े उतारकर नंगा होने के लिए कहा। इसका विरोध करने पर सभी को मारा पीटा गया। तीन छात्रों ने लोहे की राड व बेल्ट से मारा। एक ने डंडा मारकर जूनियर छात्र का सिर फोड़ दिया। एक छात्र की आंख और अंगुली में चोट आई है। एक का गला दबाकर जान लेने की कोशिश की गई। छात्रों की शिकायत पर नवाबगंज थाने में बुधवार की रात 11 बजकर 50 मिनट पर एफआईआर दर्ज की गई है।एचबीटीयू के डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. अलख कुमार ने बताया कि तीनों पीडि़त छात्रों की ओर से प्राक्टोरियल बोर्ड में लिखित शिकायत दी गई है। प्राक्टोरियल बोर्ड के दो सदस्यों डॉ. एके राठौर और डॉ. जेके द्विवेदी ने पीडि़त छात्रों के बयान दर्ज किए हैं।
अब दूसरे पक्ष के छात्रों को बुलाकर उनका पक्ष प्राप्त किया जाएगा। प्राक्टोरियल बोर्ड की जांच के बाद ही सच्चाई पता चल सकेगी।विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले में रैगिंग के आरोप को सही नहीं मान रहा है।
डीन डॉ. अलख कुमार ने बताया कि जब छात्रों से पूछा गया कि वह हॉस्टल से बाहर निजी फ्लैट में रहते हैं तो वह हॉस्टल में कैसे पहुंच गए तो उन्होंने बताया कि सीनियर के दबाव में जाना पड़ा है। पीडि़त छात्र बीटेक तृतीय वर्ष के हैं और प्रथम और द्वितीय वर्ष की पढ़ाई के दौरान कभी रैगिंग की शिकायत नहीं की।एचबीटीयू के छात्रों और शिक्षकों के बीच यह मामला गुरुवार को चर्चा का विषय बना रहा है। मामले को दो छात्र गुटों के बीच का झगड़ा बताया जा रहा है। पुलिस में एफआईआर दर्ज होने की वजह कन्नौज में तैनात एक मजिस्ट्रेट के फोन को बताया जा रहा है।