जनकपुर। सरकार भले ही किसानों को उनकी उपज का उचित दाम दिलाकर आर्थिक रूप से मजबूत करने के उद्देश्य से उनकी उपज खरीदने के लिए योजना लागू किया हो, और किसानों को सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए खरीदी केंद्र स्थापित कर सहकारी समितियां बनाए गए हों, लेकिन जिन सहकारी समितियों के माध्यम से सरकार यह व्यवस्था संचालित कर रही है, वही सहकारी समितियाँ और उनके कर्मचारियों द्वारा खुलेआम किसानों का शोषण करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। ऐसा ही मामला एमसीबी जिले के भरतपुर ब्लाक अंतर्गत कमर्जी धान खरीदी केन्द्र का सामने आया है।
यहाँ अपनी उपज को लेकर आने वाले किसानों का प्रबंधक खुलेआम शोषण कर रहा है। कमर्जी धान खरीदी केंद्र का प्रभारी प्रबंधक संजय कुमार साहू मनमानी करते हुए किसानों से प्रति बोरी आधा किलो अतिरिक्त धान ले रहा है। प्रभारी प्रबंधक और इनके मातहत कर्मचारियों द्वारा शासन के निर्देशों की धज्जियाँ उड़ाते हुए किसानों पर दबाव बनाकर 40 किलो 700 ग्राम धान लेने के स्थान पर खुलेआम 41 किलो 200 ग्राम धान लिया जा रहा है। किसानों द्वारा प्रति बोरी आधा किलो ज्यादा धान लेने का बिरोध करने पर प्रभारी प्रबंधक बहाना बनाकर उनका धान लेने से इंकार कर वापस कर देने की धमकी देता है, जिससे मज़बूरीवश किसान अपनी खून पसीने से तैयार की गई धान की उपज में डंडी मरवा रहें है। कमर्जी धान खरीदी केंद्र में बिक्री के लिए अपनी उपज को लेकर आने वाले किसान रामशरण पिता मोतीलाल ग्राम नौगई, हिरदन सिंह पिता तिलकधारी सिंह ग्राम मोगरा, अगरसाय पिता दलवीर ग्राम गोपद नगर ने बताया कि यहाँ का प्रभारी प्रबंधक संजय कुमार साहू और इसके कर्मचारियों द्वारा हम किसानों पर दबाव बनाकर प्रति बोरी में आधा किलो अतिरिक्त धान किन नियमों के तहत और किसके आदेश पर लिया जा रहा है।
इस बारे में कोई बताने को तैयार नहीं है। यहाँ के किसानों की स्थिति यह है कि उन्होंने जितने भी जिम्मेदार अधिकारी हैं उनसे अपनी परेशानी बताई लेकिन व्यवस्था जस की तस बनी हुई है। कमर्जी धान खरीदी केंद्र में लगभग आधे किसानों की धान खरीदी हो चुकी है लेकिन समिति में इसी तरह की अंधेरगर्दी जारी है। यहाँ के प्रभारी प्रबंधक द्वारा किसानों के साथ किया जा रहा शोषण एवं अनियमितता को न तो किसी जनप्रतिनिधि ने और न ही किसी जिम्मेदार अधिकारी द्वारा ही अभी तक दूर करने का प्रयास किया गया है।