वाशिंगटन, २५ जुलाई ।
अमेरिका में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बनने से भारत के साथ अमेरिकी संबंधों में कोई अंतर नहीं आएगा। हैरिस डेमोक्रेटिक पार्टी की उन्हीं नीतियों को आगे बढ़ाएंगी जिन पर राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन चल रहे हैं।
यह बात भारत और अमेरिका के व्यापार को बढ़ावा देने की पैरवी करने वाले समूह ने कही है। यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम के प्रमुख मुकेश अग्नि ने कहा, उन्हें नहीं लगता है कि हैरिस के राष्ट्रपति बनने से अमेरिका की नीतियों में कोई बदलाव आएगा। खासतौर से भारत को लेकर कुछ भी नहीं बदलेगा। हम देख रहे हैं कि भारत को लेकर अमेरिका की नीति में पिछले दो दशकों में कोई बदलाव नहीं आया है, भले ही सरकार किसी की रही है। दोनों देशों के संबंधों में गतिशीलता बनी हुई है और उनमें विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा कि 50 घंटों से भी कम समय में डेमोक्रेटिक पार्टी की चुनाव प्रचार निधि में 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा की धनराशि एकत्रित हो जाने से साबित होता है कि नाम प्रस्तावित होने के तीन दिनों में कमला का समर्थन लगातार बढ़ा है और उम्मीदवारी को लेकर उनकी स्थिति मजबूत हुई है। जो चंदादाता बाइडन के नाम पर पार्टी को चंदा देने में हिचक रहे थे, वे अब उत्साह दिखाते हुए चंदा देने की पहल कर रहे हैं। राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को दोबारा चुने जाने के लिए अपनी उम्मीदवारी से पांव पीछे खींचते हुए कमला हैरिस का नाम प्रस्तावित किया था। मुकेश अग्नि ने कहा, उम्मीदवारी के लिए कमला हैरिस का नाम आने से डेमोक्रेटिक पार्टी में उत्साह पैदा हुआ है। वह गर्भपात के अधिकार के मुद्दे पर अमेरिकी महिलाओं को समर्थन के लिए आकर्षित करेंगी। उन्होंने कहा कि वह अफ्रीकी मूल के अमेरिकी मतदाताओं को भी आकर्षित करेंगी। उनमें पास समाज के हर वर्ग को समर्थन के लिए आकर्षित करने की क्षमता है। कमला के पास मतदाताओं को पक्ष में करने के लिए 100 दिनों का पर्याप्त समय है।