उदयपुर। छत्तीसगढ़ के वन परिक्षेत्र उदयपुर में 12 हाथियों के दल ने 20 दिनों से क्षेत्र के दर्जनों गांव के ग्रामीणों की नींद उड़ा दी है। करमकटरा जंगल में डंटे हाथियों ने लोगों के आवागमन को भी बाधित कर दिया है। फसलों को तो नुकसान पहुंच ही रहा है। भय के माहौल में लोगों को जीना पड़ रहा है। हाथियों ने इस क्षेत्र की बड़ी आबादी के जीवन शैली को बदल दिया है।
हाथियों का यह दल उदयपुर के करीब रामनगर व फुनगी के आसपास पहुंच गया है, जिससे उदयपुर ब्लाक मुख्यालय के आसपास रहने वाले लोगों में भी दहशत का वातावरण निर्मित हो गया है। कई दिनों से वन विभाग का अमला व निगरानी दल नहीं सोया है। पूरे दिन अलग-अलग टीम हाथियों की निगरानी में लगी हैं। रात में भी निगरानी दल सडक़ों पर नजर आता है। ग्रामीणों को सचेत किया जा रहा है किंतु भय से बाहर लोग नहीं निकल पा रहे हैं। मंगलवार की रात ग्राम रामनगर में हाथियों का दल शाम सात बजे कलेश्वरपारा के नजदीक पहुंचा और ग्रामीणों के खेत मे लगी धान व अन्य फसलों को नुकसान पहुंचाना शुरू किया। अंधेरे में हाथी आने की सूचना पर ग्रामीण टार्च, मोबाइल लेकर अपनी खेती बचाने दौड़ पड़े। चारों तरफ से ग्रामीणों का झुंड लाइट की रोशनी देखकर झुंझलाहट में इधर से उधर दौडऩा, फसलों को रौदना शुरू कर दिया। हाथियों को भगाने कोई पटाखा का उपयोग कर रहा तो कोई गुलेल चला रहा था। इसी बीच उग्र होकर हाथी लोगों को दौड़ाने लगते थे। वन अमला की 15 से 20 लोगों की टीम प्रतिदिन दो वाहनों से अलग-अलग चौक चौराहों पर बेरिकेटिंग, सडक़ बंद कर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कोशिश करते हुए नजर आए। हाथियों के नजदीक नहीं जाने, हाथियों को नहीं छेडऩे की समझाइश देते रहे पर लोग बात मानने को तैयार ही नहीं हुए। सभी हाथियों के आस पास टार्च लेकर दौड़ते रहे। इसी बीच एक दर्जन से अधिक किसानों की फसलों को हाथियों ने रौंद डाला। उदयपुर क्षेत्र के ग्राम लक्ष्मणगढ़, सानीबर्रा, सुखरी भंडार, सायर, कुमडेवा, बिछलघाटी, मुड़ापारा, ससाकालो, मोहनपुर, मानपुर, रामनगर फुनगी के लोग भय और दहशत में जीने मजबूर हैं। कई दिनों से यहां के लोग चैन की नींद सो नहीं पा रहे। शाम ढलते समस्या और भी बढ़ जाती है।कब किस क्षेत्र में हाथी आ जाएं पता नहीं। रात में लोगों के आवागमन को रोकने वन विभाग की टीम ने लक्ष्मणगढ़ हनुमान मंदिर के समीप व दूसरे हिस्से पर जजगी में सडक़ को बैरियर लगाकर बंद कर दिया है ताकि शाम से रात तक लोग इस मार्ग पर आवागमन न कर सकें। बुधवार की शाम को पांच बजे यहां अफरातफरी मच गई थी। जंगल के रास्ते दोपहिया सवारों को आने जाने से रोका जा रहा था। वन विभाग की टीम दोनों बैरियर पर तैनात है। लोगों को शाम ढलने के बाद देर रात तक इस मार्ग में आना जाना बंद करने समझाइए दे रहे हैं। बुधवार की शाम लक्ष्मणगढ़ मोड़ पर क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य राजनाथ सिंह व सिद्धार्थ सिंहदेव पहुंचे। वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों से हाथियों के लोकेशन सहित ग्रामीणों के सुरक्षात्मक उपाय को लेकर जानकारी ली। जनप्रतिनिधियों ने भी ग्रामीणों को रात में इस मार्ग पर काम से कम आवाजाही करने की समझाइए दी है।